उद्यानिकी फलों एवं सब्जियों का महत्त्व, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य

फलोत्पादन का महत्त्व

1. धार्मिक महत्त्व –

– धार्मिक वृक्ष – पीपल

 वानस्पतिक नाम – फाइकस रिलीगोसा

– बेल का सम्बन्ध भगवान शिव से है

वानस्पतिक नाम – एगल मोर्मेलोस

– कमल का सम्बन्ध – धन की देवी लक्ष्मी जी से है।

– नारियल – सभी देवताओं के प्रसाद रूप में चढ़ाया जाता है इसे कल्पवृक्ष कहते हैं।

– धार्मिक कार्यों में केले के पत्तों की मण्डप बनाई जाती है।

2. आर्थिक महत्त्व

 फलों के विश्व निर्यात बाजार में देश की भागीदारी – 0.3%

– हमारे देश से होने वाले कुल बागवानी के निर्यात मे ताजे   फलों का योगदान – 11%

– 11 प्रतिशत योगदान में से 60% योगदान आम व अँगूर का है।

– राजस्थान की हिस्सेदारी राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्रफल व उत्पादन में 1 प्रतिशत है।

– उद्यानिकी में कुल कृषि क्षेत्रफल का लगभग 15-20% क्षेत्र शामिल है लेकिन कुल कृषि में आर्थिक भागीदारी लगभग 30-35% तक है।

– कुल कृषि निर्यात में उद्यानिकी की भागीदारी लगभग 37% है जिसमें से 12-15% ताजा फलों का निर्यात करते हैं (आम, अंगूर, पपीता, केला, काजू)

– प्रति इकाई क्षेत्र में अधिक उत्पादन।

– प्रति इकाई क्षेत्र में अधिक आय।

– बेरोजगारी की समस्या का निराकरण।

– विदेशी मुद्रा की सर्वाधिक प्राप्ति।

– वर्ष भर पूर्ण रोजगार प्राप्ति।

3. शस्य फसलों की अपेक्षा उद्यानिकी में रोजगार –

– उद्यानिकी फसलों से मानव को प्रति हेक्टेयर अधिक रोजगार मिलता है–

 उद्यानिकी फसलें खाद्यान्न फसलों की तुलना में 4-6 गुना अधिक मानव दिवस प्रति हेक्टेयर रोजगार उपलब्ध कराती है।

– शस्य फसलें

 मानव दिवस रोजगार प्रति हेक्टेयर – 143 दिन

– उद्यानिकी फसलें :-

फल से मानव दिवस रोजगार प्रति हेक्टेयर – 860 दिन

 सब्जियों से रोजगार मानव दिवस प्रति हेक्टेयर – 912 दिन।

– पुष्प व औषधीय फसलें रोजगार मानव दिवस प्रति हेक्टेयर 547 दिन

– शस्य फसलों की अपेक्षा उद्यानिकी में रोजगार  उद्यानिकी फसलों से मानव को प्रति हेक्टेयर अधिक रोजगार मिलता है

4. परिरक्षण मे महत्त्व :-

– त्रिफला चूर्ण – इसमें तीन फलों के चूर्ण का उपयोग किया जाता है जिसका प्रयोग आयुर्वेदिक रूप में किया जाता है; जैसे – आँवला- हरड़-बहड़

– जैम, जैली, मुरब्बा, पानक, सोस आदि में फल सब्जियों का महत्त्वपूर्ण योगदान है।

– औषधीय पौधे – सफेद मूसली, ईसबगोल, सनाय आदि का मुख्य उपयोग दवाइयाँ बनाने में होता है।

5. औद्योगिक महत्त्व:-

– उद्यानिकी की विभिन्न फसलों एवं इनके उत्पादों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष भागीदारी औद्योगिक क्षेत्र में भी है।

– जैसे रेशा उद्योग (बाँस, केला), शराब उद्योग (सेब, काजू, अन्नानास, अंगूर), पपेन उद्योग (पपीता), चिप्स उद्योग (आलू), चाय, कॉफी, रबड़, इलायची, काली मिर्च, नारियल उद्योग प्रत्यक्ष रूप से शामिल है।

6. फल उत्पादन का पौष्टिक व आहारिक महत्त्व  

– आहार विशेषज्ञों के अनुसार भारत में संतुलित आहार में कम से कम 300 ग्राम सब्जी की आवश्यकता होती है।

 100-125 ग्राम पत्तियों वाली सब्जी

 80-120 ग्राम अन्य दूसरी सब्जी

 85-100 ग्राम जड़ों वाली सब्जी

– भारतीय औषधि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली ने संतुलित आहार में कम से कम 120 ग्राम फल व 280 ग्राम सब्जी प्रत्येक दिन प्रति व्यक्ति को संतुति की गई है।

– प्राय: हमारे भोजन में कैलोरी, विटामिन-ए तथा विटामिन-बी का अभाव पाया जाता है।

1. खनिज लवण स्रोत:-

– शरीर के स्वस्थ रहने हेतु कम से कम दस खनिज लवणों की आवश्यकता होती है।

– कैल्सियम(Ca) – इसकी कमी से बच्चों में सूखा रोग हो जाता है।

 जिससे बच्चे चिड़चिड़ापन व अल्पावधि के शिकार हो जाते हैं।

– इसकी प्रचुर मात्रा से लौह तत्त्व को भी कम आवश्यकता होती है। लीची > करौंदा > अखरोट > बिलपत्र – फलों में

– अगेथी > करी पत्ती > चौलाई > मैथी की पत्तियाँ > मूली की पत्तियाँ – सब्जियों में

– आयरन (fe) – लौह तत्त्व लाल रुधिर कणिकाओं का एक अनिवार्य अंग है जो शरीर में ऑक्सीजन के संवाहक का कार्य करता है।

– उदाहरण:- करौंदा > खजूर > अखरोट > बादाम

– चौलाई > पालक > धनिया

– फॉस्फोरस (P)– यह शरीर के सभी सक्रिय उतकों के लिए अनिवार्य तत्त्व है।

– फॉस्फोरस अम्ल क्षार सन्तुलन के अनुरक्षण में मदद करता है।

– वसा अम्लों के स्थानान्तरण में भी सहायक होता है।

– उदाहरण:- बादाम > काजू > अखरोट > लीची

नोट:- 

– आयोडीन की कमी से घैंघा रोग होता है।

– प्याज, भिण्डी, बैंगन आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं।

– पोटैशियम शरीर की उपापचय क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

– केला पोटैशियम का अच्छा स्रोत है।

2. विटामिन्स:-

– यह लैटिन भाषा का शब्द है।

– यह कार्बनिक पदार्थ होते हैं जो शरीर की उपापचय क्रियाओं के लिए आवश्यक है।

– विटामिन का नामकरण – फंक

– विटामिन की खोज – ल्यूनिन व हॉपकिन्स

– सबसे पहले खोजा गया विटामिन – विटामिन-C है।

 वसा विलय विटामिन – A, D, E, K

– जल विलय विटामिन – B, C

– सन्तुलित भोजन में विटामिन्स का बहुत महत्त्व है। यह शरीर की रोगों से रक्षा करते हैं।

 विटामिन्स A, B व C फलों एवं सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।

– विटामिन-A (कैरोटिन) – यह शरीर में संतुलित वृद्धि, आँख के रोग (रतौंधी) व घाव भरने लिए आवश्यक है।

 स्रोत – आम, पपीता, खजूर, कटहल आदि।

– विटामिन-B1(थायमिन) – इसकी कमी से बेरी-बेरी, लकवा, व त्वचास्पर्श शक्ति का ह्रास होता है।

 भूख व शरीर भार में कमी हो जाती है।

 स्रोत – काजू, केला, पपीता, लीची आदि।

– विटामिन-B(राइबोफ्लेविन) – शारीरिक भार में कमी, आँखों का लाल रहना तथा नाक की सूजन आदि।

 राइबोफ्लेविन वृद्धि एवं स्वस्थ त्वचा के लिए आवश्यक है।

 स्रोत – हरी सब्जियाँ, बेल, पपीता, काजू आदि।

– विटामिन-C (एस्कोर्बिक एसिड) – इस विटामिन की कमी से गठिया, स्कर्वी रोग, दाँतो का कमजोर होना आदि रोग होते हैं।

 स्रोत – बारबोडेस चेरी, आँवला, अमरूद, सन्तरा, हरी मिर्च आदि।

महत्त्वपूर्ण बिंदु –

खनिज तत्त्व –

– सर्वाधिक कैल्सियम (Ca) – लीची  (0.2%)

– सर्वाधिक लौह (Fe) तत्त्व – सूखा करौंदा (39%), खजूर – 10.6%

विटामिन:-

–  विटामिन A – आम – 4800IU, पपीता – 2020IU

– विटामिन B1 – काजू, अखरोट

– विटामिन B– बेल (बिल्व)

– विटामिन-C- बारबाडेस चेरी, आँवला, अमरूद

कार्बोहाइड्रेट

– मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा का प्रमुख एवं त्वरित स्रोत है इसलिए इसे जीवों का ईंधन भी कहते हैं।

– एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रति दिन लगभग 400-500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है।

– 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के अणु से 4 KCal ऊर्जा मिलती है।

–  किशमिश – 77%

–  खजूर – 67.4%

–  केला – 36.5% (केला कार्बोहाइड्रेट के रूप में सर्वाधिक उपयोग होता है एवं कार्बोहाइड्रेट का सरल साधन है।)

– आलू – 22.6% (केले की तरह आलू सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट का सर्वोत्तम व सरल साधन है।)

कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण :-

– मोनोसैकेराइड्स:- ग्लूकोज, फ्रक्टोज, मेनोज, ग्लैक्टोज आदि।

– ऑलिगोसैकेराइड्स:- सुक्रोज, लैक्टोज, मालटोज आदि।

– पॉलीसैकेराइडस:- स्टार्च, सेल्यूलोज, ग्लाइकोजन

वसा

– वसा में कार्बोहाइड्रेट की तुलना में 2.5 गुना अधिक ऊर्जा पाई जाती है।

– 1 ग्राम वसा से 9.3 Kcal ऊर्जा मिलती है।

– स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 30-40 ग्राम वसा की आवश्यकता होती है।

– वसा को संचित ऊर्जा भी कहा जाता है क्योंकि वसा की अतिरिक्त मात्रा त्वचा के नीचे संगृहीत रहती है।

– वसा हमारे शरीर के तापमान को नियंत्रित करती है।

– वसा की अधिकता से मोटापा हो जाता है व कॉलेस्ट्रोल जमा होने लगता है।

– वसा की कमी से डरमेटाइटिस रोग हो जाता है।

– अखरोट – 64.4%

– बादाम – 59%

– काजू – 47%

– आलू – 1.14% (सब्जियों में सर्वाधिक वसा आलू में पाई जाती है।)

प्रोटीन

– प्रोटीन के एक ग्राम अणु से 4 Kcal ऊर्जा मिलती है।

– प्रोटीन संरचनात्मक कार्य करती है।

– प्रोटीन की आधारभूत इकाई अमीनो अम्ल है।

– मानव शरीर को 20 अमीनो अम्ल की आवश्यकता है जिसमें से 10 का निर्माण शरीर में होता है (अनावश्यक अमीनो अम्ल) एवं 10 अमीनो अम्लों की जरूरत बाहर से होती है (आवश्यक अमीनो अम्ल)।

– दलहनी फसलें प्रोटीन का अच्छा स्रोत होती है।

– काजू – 21.2%

–  बादाम – 20%

–  अखरोट – 15.6%

– सेमफली – 7.8%

– मटर – 7.2%

पेक्टिन प्रतिशत –

–  सर्वाधिक कटहल (3.6%)

–  अमरूद – 1.5%

एंजाइम–

  पपीता, जामून

फाइबर–

– रेशा हमारे शरीर में पाचन संबंधी क्रियाओं के लिए महत्त्वपूर्ण है।

– शरीर के हानिकारक तत्त्वों को अवशोषित कर अवशिष्ट के रूप में बाहर निकालता है।

– अमरूद, अंजीर, मिर्च, आलू आदि।

कार्बनिक अम्ल –

– मैलिक अम्ल = सेब, गाजर

–  साइट्रिक अम्ल = सिट्रस ग्रुप, अमरूद, टमाटर

–  ट्रार्टरिक अम्ल = अँगूर, लीची, इमली

फलों के द्वारा ऊर्जा:-

– पिकानट – 700 Kcal / 100gm

– अखरोट – 687 Kcal / 100gm

सब्जियों के द्वारा ऊर्जा:-

– टेपीओका – 160  Kcal / 100gm

– शकरकंद – 120 K cal / 100gm

– आलू – 100 K cal / 100gm

विटामिन्स का सामान्य परिचय

विटामिनसामान्य नामकमी से रोगस्रोत
Aरेटिनोल (केरोटीन)रतौंधी/जिरोफ्योलिकाआम, पपीता
B1थायमीनबेरी-बेरीकाजू
B2राईबोफ्लेविनफाइटोफोबियाबेल, पपीता, लीची
B3नियासिन(निकोटिनिक अम्ल)पेलाग्रालीची
B5पेन्टोथेनिक अम्लबर्निंग सिंड्रोमडेयरी उत्पाद
B6पायरीडॉक्सिनचर्म रोगहरे पत्ते वाली सब्जियाँ
B9बायोटीनबालों का झड़नाहरे पत्ते वाली सब्जियाँ
B12साइनोकोबालमीनएनिमिया (खून की कमी)डेयरी उत्पाद
Cएस्कोर्बिक अम्लस्कर्वीबॉरबोडेस चेरी, आँवला
Dकैल्सिफेरोलरिकेट्स (ओस्टोमलेशिया)सूर्य की धूप, आम, मछली
Eटॉकोफेरोलबाँझपनहरी सब्जी, घी
Kफाइलोक्विनोनरुधिर स्रावहरी सब्जी, टमाटर

नोट:-

– ग्वारपाठा (एलोवेरा बारबाडेन्स), हल्दी (कुरकुमा लौंगा), नीबू वर्गीय फल, पपीता, चंदन आदि सौंदर्य प्रसादन के रूप में काम लिए जाते हैं।

– उद्यानिकी वृक्ष वायु व जल क्षरण को रोकते हैं।

प्रमुख फलों का पोषण मान

फलवसाप्रोटीन (% में)कार्बोहाइड्रेट %
अनार0.1<1.614.6
अन्नानास<0.10.612.0
अमरूद0.21.514.5
आम (कच्चा)0.10.78.8
आम(पका हुआ)0.10.611.8
आँवला0.10.514.1
अँगूर0.10.818.2
केला0.21.336.4
खजूर0.23.066.3
जामुन0.10.69.7
नारंगी0.1<0.610.2
नाशपति0.10.211.5
पपीता0.10.59.5
बेर0.10.812.8
बेल0.21.330.6
लाइम0.11.510.9
लीची0.30.79.4
लेमन0.91.011.1
शरीफा0.31.623.9
सेव 0.10.313.4
संतरा0.30.910.6

फल व विटामिन्स के स्रोत

फल कानामविटामिन-AविटामिनB-1निकोटिनिकअम्लराइबोफ्लेविनविटामिन-C
 IU प्रति100gmMg/100gmMg/100 gmMg/100 gmMg/100gm
अनार        –10016
पाइनएप्पल6012063
अमरूदअल्पमात्रा300.230299
आम(कच्चा)150303
आम(पकाहुआ)4800400.35013
आँवला300.2600
अँगूर15400.3103
केलाअल्प1500.3301
खजूर600900.830
जामुन
नारंगी200300.220
नाशपति14200.230अल्प
पपीता2020400.225046
बेर70
बेल186120.9119115
लाइम26200.163
लीची1487.5122.5अल्प
लेमनअल्प200.1439
शरीफाअल्प
सेवअल्प1200.2302
संतरा3501200.36068

सब्जियों में प्रति 100 ग्राम खाद्य भाग का पोषण मान

सब्जी का नामप्रोटीन (ग्राम)वसा (ग्राम)कार्बोहाइडेट  (ग्राम)
चौलाई4.00.56.3
चुकन्दर1.70.18.8
करेला1.60.24.2
लौकी0.20.12.5
बैंगन1.40.34.0
पत्तागोभी1.80.14.6
गाजर0.90.210.6
फूलगोभी2.60.44.0
हरी मिर्च2.90.63.0
ग्वार3.20.410.8
लोविया4.30.28.0
खीरा0.40.12.7
सेम3.80.76.7
लहसुन (सुखी)6.30.129.80
गांठगोभी1.10.23.8
भिण्डी1.90.26.4
खरबुजा1.005.0
प्याज1.211.0
मटर7.20.115.8
परबल2.00.32.2
कद्दू1.40.14.6
मूली (सफेद)0.70.1 
तोराई (तुरई)0.50.13.2
टिण्डा1.40.73.4
पालक2.00.72.9
पालक विलायती2.00.72.9
टमाटर (हरा)1.90.13.2
शलजम0.50.26.2
तरबूज0.20.23.3

 सब्जियों में प्रमुख विटामिन व खनिज लवण

सब्जीVit-f(IU)Vit-B1राइबोफ्लेविन(mg)Vit-C(mg)Ca(Mg)P(mg)Fe(mg)K(mg)पोटेशियम
चौलाई92000.030.10993978325.5341
चुकन्दर00.040.0988200551.043
करेला2100.070.098820701.8152
लौकी00.030.01620100.787
बैंगन1240.040.111218470.92
पत्तागोभी20000.060.0312439440.8144
गाजर31500.040.02380302.2108
फूलगोभी510.040.105633571.5113
हरी मिर्च2920.190.3911130801.2217
ग्वार3160.090.0947
लोबिया9410.070.091380742.5
खीरा00.030.01710251.550
सेम3120.10.069210681.774
लहसुन00.060.0313303101.3
गाँठगोभी360.050.098520350.437
भिण्डी880.070.101366561.5103
खरबूजा34200.040.05330.0170.016
प्याज00.080.0111180500.7
मटर1390.250.019201391.579
परबल2550.050.062930401.783
कद्दू840.060.04210300.7139
मूली50.060.021550220.4138
तोराई560.070.01540401.650
टिण्डा230.080.041825240.924
पालक93000.030.0728732110.9206
पालकपिलापत्ती93000.030.0728732110.820.6
टमाटर3200.070.070.120361.8114
शलजम00.04430.6304040
तरबूज5900.050.0560.070.07

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