राजस्थान का एकीकरण
– एकीकरण के चरण – 7 चरण
– अवधि – 8 वर्ष 7 महीने 14 दिन
– एकीकरण के समय – 19 रियासतें, 3 ठिकाने व 1 केन्द्रशासित प्रदेश
– विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली प्रथम रियासत – बीकानेर
– विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली अंतिम रियासत – धौलपुर
– राजस्थान में ठिकाने – नीमराणा (अलवर), कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा) व लावा (जयपुर)।
– नीमराणा शासक – राजेन्द्रसिंह
– लावा शासक – प्रदीपसिंह
– कुशलगढ़ शासक – हरेन्द्रसिंह
– केन्द्रशासित प्रदेश – अजमेर-मेरवाड़ा
– एकीकरण के 7 चरण :-
¨ प्रथम चरण :- मत्स्य संघ
– निर्माण – 18 मार्च, 1948
– चार रियासतें व एक ठिकाने का विलय
– रियासतें – अलवर, भरतपुर, धौलपुर व करौली
– ठिकाना – नीमराणा
– राजधानी – अलवर
– राजप्रमुख – धौलपुर महाराजा उदयभानसिंह
– उपराजप्रमुख – करौली महाराजा गणेशपाल देव
– प्रधानमंत्री – शोभाराम कुमावत (अलवर प्रजामंडल के नेता)
– मंत्रिमण्डल – युगलकिशोर चतुर्वेदी, मास्टर भोलानाथ, गोपीलाल यादव, डॉ. मंगलसिंह व चिरंजीलाल शर्मा।
– मत्स्य संघ नाम की सिफारिश – के.एम. मुंशी
– उद्घाटन – नरहरि विष्णु गाडगिल
स्थान – लोहागढ़ दुर्ग, भरतपुर
– औसत वार्षिक आय – 184 लाख रु.
– जनसंख्या – 18 लाख 37 हजार 994
– क्षेत्रफल – 12000 वर्ग किमी.
¨ द्वितीय चरण :- राजस्थान संघ/पूर्व राजस्थान
– निर्माण – 25 मार्च, 1948
– 9 रियासतें तथा एक ठिकाने का विलय
– रियासतें – बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, प्रतापगढ़, शाहपुरा, किशनगढ़, टोंक, बूँदी, झालावाड़ व कोटा।
– ठिकाना – कुशलगढ़
– राजधानी – कोटा
– राजप्रमुख – कोटा महाराव भीमसिंह
– वरिष्ठ उपराजप्रमुख – बूँदी महाराव बहादुरसिंह
– कनिष्ठ उपराजप्रमुख – डूँगरपुर महारावल लक्ष्मणसिंह
– प्रधानमंत्री – गोकुललाल असावा (शाहपुरा)
– उद्घाटन – नरहरि विष्णु गाडगिल द्वारा कोटा दुर्ग में किया गया।
– बाँसवाड़ा शासक चन्द्रवीरसिंह ने एकीकरण विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा था- “मैं अपने डेथ वॉरन्ट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।“
– औसत वार्षिक आय – 2.06 करोड़
– कुल क्षेत्रफल – 16807 वर्ग किमी.
– कुल जनसंख्या – 23.5 लाख
¨ तृतीय चरण:- संयुक्त राजस्थान
– निर्माण – 18 अप्रैल, 1948
– पूर्व राजस्थान + उदयपुर
– राजधानी – उदयपुर
– राजप्रमुख – मेवाड़ महाराणा भूपालसिंह
– वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
– कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
– प्रधानमंत्री – माणिक्यलाल वर्मा (मेवाड़)
– उद्घाटन – पंडित जवाहरलाल नेहरू
स्थान – उदयपुर
– औसत वार्षिक आय – 3.16 करोड़
कुल क्षेत्रफल – 29777 वर्गमील
कुल जनसंख्या – 42 लाख 60 हजार 918
– मंत्रिमण्डल – मोहनलाल सुखाड़िया, गोकुललाल असावा, प्रेमनारायण, भूरेलाल बयाँ, भोगीलाल पण्ड्या, अभिन्न हरि
¨ चतुर्थ चरण:- वृहत् राजस्थान
– निर्माण – 30 मार्च, 1949
– रियासतें – जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व बीकानेर
– ठिकाना – लावा
– संयुक्त राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व बीकानेर रियासतों और लावा ठिकाने का विलय।
– राजस्थान दिवस – 30 मार्च
– राजधानी – जयपुर
– महाराज प्रमुख – महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)
– राजप्रमुख – सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)
– वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
– कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
– प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
– उद्घाटन – सरदार वल्लभभाई पटेल
– पी. सत्यनारायण राव समिति के अनुसार निम्नलिखित विभागों का आवंटन हुआ- राजधानी – जयपुर
न्याय विभाग – जोधपुर
शिक्षा विभाग – बीकानेर
वन विभाग – कोटा
कृषि विभाग – भरतपुर
खनिज विभाग – उदयपुर
– मंत्रिमण्डल – नरसिंह कच्छवाह, फूलचंद बाफना, हनवंतसिंह, भूरेलाल बयाँ, रघुवरदयाल गोयल, वेदपाल त्यागी, प्रेमनारायण माथुर व सिद्धराज ढड्ढ़ा।
– सुमनेश जोशी द्वारा प्रकाशित ‘रियासती’ समाचार पत्र में जोधपुर शासक हनुवंतसिंह के पाकिस्तान में मिलने की योजना का पर्दाफाश किया।
¨ पंचम् चरण:- संयुक्त वृहत् राजस्थान
– भारत सरकार ने शंकरराव देव समिति की सिफारिशों पर मत्स्य संघ का 15 मई, 1949 को विलय कर दिया गया।
– निर्माण – 15 मई, 1949
– वृहत् राजस्थान + मत्स्य संघ
– राजधानी – जयपुर
– महाराज प्रमुख – महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)
– राजप्रमुख – सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)
– वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
– कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
– प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
¨ षष्ठम् चरण :- राजस्थान
– निर्माण – 26 जनवरी, 1950
– सिरोही (आबू व देलवाड़ा को छोड़कर) का राजस्थान में विलय।
– राजधानी – जयपुर
– महाराज प्रमुख – महाराणा भूपालसिंह (मेवाड़)
– राजप्रमुख – सवाई मानसिंह-द्वितीय (जयपुर)
– वरिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव भीमसिंह (कोटा)
– कनिष्ठ उपराजप्रमुख – महाराव बहादुरसिंह (बूँदी)
– प्रधानमंत्री – हीरालाल शास्त्री (जयपुर)
– 26 जनवरी, 1950 को राजस्थान को ‘राजस्थान’ शब्द की संवैधानिक मान्यताएँ प्राप्त हुई।
¨ सप्तम् चरण:- वर्तमान राजस्थान
– निर्माण – 01 नवम्बर, 1956
– राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों पर अजमेर-मेरवाड़ा, माउंट आबू, देलवाड़ा का राजस्थान में विलय।
– मध्यप्रदेश के सुनेल टप्पा का राजस्थान में और सिरोंज का मध्यप्रदेश में विलय किया गया।
– राजधानी – जयपुर।
– मुख्यमंत्री – मोहनलाल सुखाड़िया
– राज्यपाल – सरदार गुरुमुख निहालसिंह
– राजप्रमुख पद को समाप्त कर राज्यपाल का पद सृजित किया गया और राज्यों की श्रेणी अ, ब तथा स को समाप्त कर दिया गया।
● संघ बनाने का प्रयास करने वाले शासक –
– वागड़ संघ – डूँगरपुर महारावल लक्ष्मणसिंह
– हाड़ौती संघ – कोटा शासक भीमसिंह
– जाट झण्डा खतरे में – मानसिंह
चरण | चरण कानाम | निर्माण | रियासतें/ठिकाना |
प्रथम | मत्स्य संघ | 18 मार्च,1948 | अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली व नीमराणा |
द्वितीय | पूर्व राजस्थान/राजस्थान संघ | 25 मार्च,1948 | कोटा, बूँदी, झालावाड़, टोंक, किशनगढ़, बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, शाहपुरा, प्रतापगढ़ व कुशलगढ़ |
तृतीय | संयुक्त राजस्थान | 18 अप्रैल,1948 | पूर्व राजस्थान + उदयपुर |
चतुर्थ | वृहत् राजस्थान | 30 मार्च,1949 | संयुक्त राजस्थान + जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर व लावा |
पंचम | संयुक्त वृहत् राजस्थान | 15 मई,1949 | वृहत् राजस्थान + मत्स्य संघ |
षष्ठ | राजस्थान | 26 जनवरी,1950 | सिरोही (आबू व देलवाड़ा को छोड़कर) |
सप्तम् | राजस्थान | 1 नवम्बर,1956 | अजमेर – मेरवाड़ा, माउंटआबू, देलवाड़ा व सुनेल टप्पा |
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