राजस्थान के पर्यटन स्थल
● राजस्थान में पर्यटन के विशेष आकर्षण के केंद्र महल एवं हवेलियाँ, मेले एवं त्योहार, हस्तकलाएँ, हैरिटेज होटलों, साहसिक पर्यटन (एडवेंचर ट्यूरिज्म), ग्रामीण एवं ईको-ट्यूरिज्म, धार्मिक पर्यटन तथा मन्दिर स्थापत्य कला, शास्त्रीय संगीत एवं लोक-नृत्य इत्यादि हैं, जो कि राज्य में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से राज्य के लिए रोजगार एवं राजस्व का सृजन करते हैं।
● वर्ष 2021 के दौरान 220.24 लाख (219.89 लाख स्वदेशी एवं 0.35 लाख विदेशी) पर्यटकों ने राजस्थान में भ्रमण किया।
● पर्यटन भारत का दूसरा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा प्राप्त करने वाला उद्योग है।
● अन्तर्राष्ट्रीय स्तर-पर पर्यटन विकास हेतु UNWTO (संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व पर्यटन संगठन- United Nations World Tourism Organization – UNWTO) संस्था कार्य करती है।
● वर्ष 2017 को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन वर्ष घोषित किया गया था।
● प्रतिवर्ष 27 सितम्बर को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
● प्रतिवर्ष 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
● प्रतिवर्ष 18 अपैल को विश्व हैरिटेज दिवस मनाया जाता है।
● प्रतिवर्ष 18 मई को विश्व म्यूजियम दिवस मनाया जाता है।
● राज्य सरकार द्वारा राज्य में पर्यटन विकास के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए जा रहे हैं। यह क्षेत्र राजस्थान के निवासियों के लिए रोजगार एवं आय की असीम संभावनाएँ रखता है।
● राजस्थान में पर्यटन गतिविधियों के संचालन हेतु सन् 1956 में पर्यटन विभाग की स्थापना की गई।
● पर्यटकों को आवास, भोजन, यातायात आदि की सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 1 अप्रैल, 1979 को राजस्थान पर्यटन विकास निगम की स्थापना की गई।
● राज्य में पर्यटन विकास की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, नीतियों, को प्रभावी ढंग से संचालित करने हेतु 5 जुलाई, 2001 को राजीव गाँधी पर्यटन विकास मिशन की स्थापना की गई।
● महाराणा प्रताप के जीवन से संबंधित स्थानों गोगुन्दा, चावंड, हल्दीघाटी, दिवेर आदि को पर्यटन के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से 19 जनवरी, 1997 को मेवाड़ सकुल योजना प्रारंभ की गई।
● पर्यटन विकास हेतु 27 सितम्बर, 2001 को प्रथम पर्यटन नीति की घोषणा की। तथा नवीन पर्यटन नीति की घोषणा सन् 20 नवम्बर 2015 को की गई।
● सन् 2010 में पारिस्थितिकी पर्यटन (इको-टूरिज्म) नीति की घोषणा की।
● विभाग द्वारा पर्यटकों की सुविधा एवं अधिक विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए वेब पोर्टल www.tourism.rajathan.gov.in पर मेले, त्योहारों एवं पर्यटन स्थलों इत्यादि की जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है।
● राज्य में पर्यटन को प्रोत्साहित करने तथा नवीन एवं अनुभवजन्य पर्यटन उत्पादों के माध्यम से राज्य को पसंदीदा व अग्रणी पर्यटक गंतव्य स्थल बनाने के लिए दिनांक 09 सितम्बर, 2020 को जारी अधिसूचना के द्वारा नवीन पर्यटन नीति “राजस्थान पर्यटन नीति“, 2020 को लागू किया गया है।
● प्रसाद एवं हृदय योजना के अंतर्गत पुष्कर (अजमेर) तथा अजमेर का समग्र विकास कार्य किया जा रहा है।
● सितम्बर, 2021 में विभागीय शोध पत्रिका ‘पुरासम्पदा’ 2020 का प्रकाशन किया गया।
● 22 सितम्बर, 2021 को ‘मुख्यमंत्री पर्यटन उद्योग सम्बल योजना’ को मंजूरी दी गई।
● राजस्थान सरकार ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 के तहत पर्यटन को थ्रस्ट एरिया का दर्जा दिया गया है।
राजस्थान राज्य पर्यटन का आदर्श वाक्य (ध्येय वाक्य):-
● सर्वप्रथम वर्ष 1978 में ‘ढोला मारू’।
● वर्ष 1993 में ‘डॉ. ललित के.पंवार’ द्वारा (जो वर्तमान में राजस्थान कौशल विश्वविद्यालय जयपुर के कुलाधिपति) ‘पधारो म्हारे देश’ रखा गया।
● वर्तमान राज्य सरकार द्वारा 29 जनवरी, 2019 को “पधारो म्हारे देश ”लोगो के साथ “राजस्थान- भारत का अतुल्य राज्य” (Incredible State of India) अंकित किया गया है।
राजस्थान के पर्यटन विकास:-
● वर्ष 1955 में पर्यटन निदेशालय की स्थापना की गई।
● वर्ष 1956 में पर्यटन विभाग की स्थापना की गई।
● 1 अप्रैल, 1979 को RTDC (राजस्थान पर्यटन विकास निगम) का गठन किया गया।
RTDC कार्य:-
1. पर्यटकों के लिए होटल सुविधा उपलब्ध करवाना।
2. राजस्थान में मेलें व उत्सवों का आयोजन करना।
3. राजस्थान में पर्यटन स्थलों की देख-भाल का कार्य करना।
4. राजस्थान में पर्यटन विकास हेतु कार्यक्रम, नीतियाँ और योजनाएँ तैयार करना।
पर्यटक-
स्वदेशी पर्यटक:-
● वे पर्यटक जो भारत के हैं और भारत में विचरण करते हैं, स्वदेशी पर्यटक कहलाते हैं।
● स्वदेशी पर्यटक सर्वाधिक अजमेर, माउण्ट आबू स्थान पर घूमने आते हैं।
● वर्ष 2021 में स्वदेशी पर्यटक सर्वाधिक दिसम्बर महीने में आए हैं।
● वर्ष 2021 में स्वदेशी पर्यटक न्यूनतम मई महीने में आए हैं।
विदेशी पर्यटक:-
● वे पर्यटक जो दूसरे देशों से भारत के राज्यों में घूमने आते हैं, विदेशी पर्यटक कहलाते हैं।
● राजस्थान में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक जयपुर, उदयपुर में आते हैं।
● राजस्थान में सर्वाधिक पर्यटक अमेरिका, फ्रांस से आते हैं।
● वर्ष 2021 में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक दिसम्बर महीने में आए हैं।
● वर्ष 2021 में न्यूनतम विदेशी पर्यटक मई महीने में आए हैं।
राजस्थान में पर्यटन की प्रमुख उपल्बधियाँ–
● राजस्थान पर्यटन नीति 2020 की अनुपालना में 16 अप्रैल, 2021 से गेस्ट हाउस स्कीम, 2021 लागू की गई।
● 1 जुलाई, 2021 को हैरिटेज सम्पत्तियों को हैरिटेज प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए संशोधित गाइडलाइन्स जारी की गई।
● राजस्थान पर्यटन नीति, 2020 की अनुपालना में 21 अक्टूबर, 2021 को राजस्थान होमस्टे (पेइंग गेस्ट हाउस) योजना, 2021 लागू की गई।
● पर्यटक सूचना ब्यूरो, सीकर को पर्यटक सूचना स्वागत केन्द्र, सीकर में क्रमोन्नत किया गया।
● विभाग द्वारा अहमदाबाद में नया पर्यटक सूचना ब्यरो खोला गया।
● राजस्थान में आने वाले पर्यटकों की यात्रा को सहज और यादगार बनाने के लिए विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर 27 सितम्बर, 2021 को माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा “राजस्थान टूरिज्म मोबाइल ऐप” का लाकार्पण किया गया।
पर्यटन परिपथ (Tourist Circuits)
1. मरू सर्किट – जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, नागौर
2. अलवर सर्किट – अलवर, डीग, भरतपुर, धौलपुर
3. जयपुर सर्किट – जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, रणथम्भौर, अजमेर
4. मेवाड़ सर्किट – उदयपुर, चित्तौड़गढ़, रणकपुर, नाथद्वारा, कुम्भलगढ़
5. हाड़ौती सर्किट – कोटा, बूँदी, झालावाड़, बाराँ
6. माउण्ट आबू सर्किट – पाली, सिरोही, माउण्ट आबू, जालोर
7. शेखावाटी सर्किट – सीकर, झुंझुनूँ, चूरू
राज्य में पर्यटकों की सुविधा के लिए ‘पर्यटन सर्किटों’ को चिह्नित किया गया है–
1. मेवाड़ सर्किट = उदयपुर – चित्तौड़गढ – नाथद्वारा
2. मरूस्थल सर्किट = जोधपुर – जैसलमेर – बीकानेर
3. वागड़ सर्किट = डूँगरपुर – बाँसवाड़ा
4. गोड़वाड़ सर्किट = माउण्ट आबू – रणकपुर
5. ढूँढाड़ सर्किट = जयपुर – दौसा – टोंक
6. बृज-मेवात सर्किट = अलवर – सरिस्का – भरतपुर – सवाई माधोपुर
7.मेरवाड़- मारवाड़ सर्किट = अजमेर – पुष्कर
8. हाड़ौती सर्किट = बूँदी – कोटा – झालावाड़
9. शेखावाटी सर्किट = सीकर – मण्डावा – झुंझुनूँ
निर्माणाधीन सर्किट:-
1. स्वर्णिम त्रिकोण :-
● ये केन्द्र सरकार का सर्किट है।
● राजस्थान द्वारा दिल्ली से जयपुर मार्ग पर बैराठ सभ्यता व सरिस्का को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।
● जयपुर व आगरा के मार्ग पर मेहन्दीपुर बालाजी व केवलादेव विहार को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।
2. कृष्णा सर्किट :-
● श्रीनाथजी, गोविन्द देव जी, कनक वृंदावन, चरण मंदिर, गलताजी मंदिर और खाटू श्याम जी (सीकर) को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।
3. बालाजी सर्किट:-
● राज्य में स्थित बालाजी के महत्त्वपूर्ण स्थानों को जोड़कर एक सर्किट तैयार किया जिसमें सामोद बालाजी (जयपुर), घाट का बालाजी (जयपुर), बंधे का बालाजी (जयपुर), पाण्डुपोल का बालाजी (अलवर), सालासर बालाजी (चूरू), मेहन्दीपुर बालाजी (दौसा) शामिल हैं।
4. ट्राइबल सर्किट:-
● राज्य में जनजाति जिलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ट्राइबल सर्किट तैयार किया गया है जिसमें सिरोही, प्रतापगढ़, बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, उदयपुर को शामिल किया गया है।
5. बौद्ध सर्किट:-
● राज्य में भगवान बुद्ध से संबंधित महत्त्वपूर्ण स्थानों को जोड़कर बौद्ध सर्किट तैयार किया गया जिसमें बैराठ (जयपुर) और झालरापाटन (झालावाड़) को शामिल किया गया है।
रोप-वे-
● राजस्थान में रोपवे की सुगमता से स्थापना के उद्देश्य से राजस्थान रज्जुमार्ग अधिनियम 1986 / राजस्थान रज्जुमार्ग नियम 2020 के तहत रोपवे का संचालन किया जा रहा है-
1. सुंधा माता मंदिर रोपवे (दिसम्बर, 2006) – जालोर – 800 मीटर लम्बा
2. मंशापूर्ण करणी माता मंदिर रोपवे (जून, 2008) – उदयपुर – जून, 2008 – 387 मीटर लम्बा
3. सावित्री माता मंदिर रोपवे (मई, 2016) – पुष्कर (अजमेर) – 3 मई, 2016 – 700 मीटर लम्बा
4. सामोद रोपवे (मई, 2019) – जयपुर
5. कनक – वृंदावन रोपवे – जयपुर (निर्माणधीन)
6. माउण्ट आबू रोपवे – सिरोही (न्यायिक विवाद के कारण लम्बित)
7. सिद्धनाथ मंदिर से माचिया सफारी पार्क रोप-वे – जोधपुर (निर्माणाधीन)
● यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित स्थल यूनेस्को – 1946 (मुख्यालय – पेरिस-फ्रांस)
पर्यटन विकास हेतु संस्थागत प्रयास– 1995 – पर्यटन निदेशालय (जयपुर)
● राजस्थान में पर्यटन गतिविधियों के संचालन हेतु सन् 1956 में पर्यटन विभाग की स्थापना की गई।
● राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं पर्यटकों को आवास भोजन यातायात सम्बन्धी सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु 1 अप्रैल, 1979 की राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) की स्थापना की गई।
● अप्रैल, 2002 में पर्यटन हेल्पलाइन – पर्यटकों की सुविधा हेतु।
● राजस्थान पर्यटन विकास निगम का ध्येय वाक्य (लोगों) – पधारो म्हारे देश
● राजस्थान का पर्यटन प्रतीक – राजस्थान भारत का अतुल्य राज्य (दो विपरीत दिशा में बैठे ऊँट तथा दो कुरजां)
● राजस्थान राज्य होटल निगम लिमिटेड – 1965 (जयपुर) पर्यटकों को आवास एवं भोजन सुविधा हेतु होटल की स्थापना एवं रखरखाव
● रित्तमान (RITTMAN) – 29 अक्टूबर, 1996 (जयपुर) राजस्थान इन्स्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एण्ड ट्रेवल मैनेजमेंट राजस्थान में पर्यटन विकास हेतु मानव संसाधनों का विकास करना तथा पर्यटन संबंधी नवीन जानकारी उपलब्ध कराना।
● सन् 1989 में युनूस खान समिति की सिफारिश पर पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया। वही सन् 2004-05 में पर्यटन उद्योग को जन उद्योग की श्रेणी में सम्मिलित किया गया।
● राजस्थान में शिल्पग्राम योजना की शुरुआत वर्ष 1989 में हुई।
● प्रथम शिल्पग्राम – हवाला ग्राम (उदयपुर)
● दूसरा शिल्पग्राम – पुष्कर (अजमेर)
● तीसरा शिल्पग्राम – पाल (जोधपुर)
● चौथा शिल्पग्राम – रामसिंहपुर (सवाई माधोपुर)
● पर्यटन विकास हेतु संचालित शाही ट्रेन-
● पैलेस ऑन व्हील्स – 1982 (भारतीय रेल + आर.टी.डी.सी.)
● रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स – “जनवरी 2020 (भारतीय रेल + आर.टी.डी.सी)”
● फेरी क्वीन – 2003 (उत्तर-पश्चिम रेल्वे द्वारा शेखावाटी की कलात्मक हवेलियों की सैर कराने हेतु प्रारंभ पर्यटन रेल)
● द ग्रेट अरावली ट्रेन – अजमेर, राजसमंद, उदयपुर (रेलवे)
● धोरा एक्सप्रेस बस सेवा – मरुस्थलीय क्षेत्र
● विभूति पार्क – फतेहसागर (उदयपुर)
● (आंध्र प्रदेश की हुसैनसागर की तर्ज पर)
● सिलिकन वैक्स म्यूजियम – नाहरगढ़ (जयपुर)
● वॉक थ्रू वार म्यूजियम – जयपुर (W अकार का)
● शहीद स्मारक – मानगढ़ (बाँसवाड़ा) – राष्ट्रीय जनजातीय संग्रहालय
● मीरा संग्रहालय – उदयपुर
● स्कूल ऑफ वस्तु – पुष्कर (भारत का पहला स्कूल ऑफ वस्तु)
● राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण – 2006 (पुनर्गठन – 2014 मुख्यालय – जयपुर)
शाही रेलगाड़ी:-
● पर्यटन हेतु राजस्थान में शाही ट्रेन का संचालन किया जा रहा है।
● इन ट्रेनों का संचालन RTDC व भारतीय रेलवे द्वारा किया जाता है।
1. पैलेस ऑन व्हील्स:-
● इसे हैरिटेज पैलेस ऑन व्हील्स के नाम से भी जाना जाता है।
● इसकी शुरुआत 26 जनवरी, 1982 को हुई।
● ये 7 दिन व 8 रात में एक फेरा पूरा करती है।
● इसका रूट दिल्ली से जयपुर, सवाई माधोपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर, आगरा तक जाती है।
2. विलेज ऑन व्हील्स:-
● इसकी शुरुआत 29 नवम्बर, 2004 को हुई।
3. हैरिटेज ऑन व्हील्स:-
● इसकी शुरुआत वर्ष 2006 में हुई।
4. रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स:-
● वर्तमान मे रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स को पैलेस ऑन व्हील्स के नाम से परिवर्तित कर दिया गया है।
● इसकी शुरुआत जनवरी, 2009 में की गई।
● यह रेल दिल्ली रूट से शुरू होकर आगे ये जयपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, रणथम्भौर, खजुराहो, वाराणसी, सारनाथ, आगरा तक चलती है।
5. फेयरी क्वीन:-
● इसकी शुरुआत वर्ष 2003 में की गई।
● ये शेखावाटी के भित्ति चित्रण व हवेली देखने हेतु चलाई गई।
6. द ग्रेट अरावली ट्रेन:-
● अजमेर से माउण्ट आबू तक चलती है।
7. यादगार एक्सप्रेस
महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के जीवनियों की पैनोरमा सीरीज
क्र.सं. |
संग्रहालय व पैनोरमा |
स्थान |
1. |
गोगाजी का पैनोरमा |
गोगामेड़ी (हनुमानगढ़) |
2. |
जम्भेश्वर जी का पैनोरमा |
पीपासर (नागौर) |
3. |
करणी माता का पैनोरमा |
बीकानेर |
4. |
लोकदेवता बाबा रामदेव जी |
जैसलमेर |
5. |
संत पीपा |
झालावाड़ |
6. |
राजा भर्तृहरि |
अलवर |
7. |
पण्डित दीनदयाल उपाध्याय |
धानक्या (जयपुर) |
8. |
स्वामी दयानन्द सरस्वती |
अजमेर |
9. |
महात्मा गांधी |
जयपुर |
10. |
आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम |
मानगढ़धाम (डूँगरपुर) |
11. |
गुरु गोविन्द गिरि |
मानगढ़धाम (डूँगरपुर) |
12. |
हाड़ी रानी |
सलूम्बर (उदयपुर) |
13. |
महाराणा सांगा |
खानवा (भरतपुर) |
14. |
अमर सिंह राठौड़ |
नागौर |
15. |
संत लिखमी दास |
नागौर |
16. |
संत सुन्दर दास |
दौसा |
17. |
संत रैदास |
चित्तौड़गढ़ |
18. |
संत नागरीदास |
किशनगढ़ (अजमेर) |
19. |
महाकवि माघ |
भीनमाल (जालोर) |
20. |
गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त |
भीनमाल (जालोर) |
21. |
कृष्णभक्त अलीबख्श |
मुण्डावर (अलवर) |
22. |
संत मावजी |
डूँगरपुर |
23. |
शौर्य उद्यान (वार मेमोरियल) |
झुंझुनूँ |
24. |
काली बाई |
मांडवा (डूँगरपुर) |
25. |
संत धन्ना |
टोंक |
26. |
युद्ध संग्रहालय |
जैसलमेर |
27. |
गुरु गोविन्द सिंह |
बुढ़ाजोहड़ |
28. |
चालकनेची |
चालकना (बाड़मेर) |
29. |
निम्बार्काचार्य |
सलेमाबाद (अजमेर) |
30. |
सुगाली माता मूर्ति स्वतंत्रता संग्राम |
आऊवा (पाली) |
31. |
हसन खाँ मेवाती |
अलवर |
32. |
महाराणा कुंभा |
माल्यावास मदारिया (राजसमंद) |
33. |
जसनाथ जी का पैनोरमा |
कतरियासर (बीकानेर) |
34. |
लोकदेवता पाबूजी का पैनोरमा |
कोलू गाँव, फलोदी (जोधपुर) |
35. |
बप्पा राव का पैनोरमा |
मराठा (उदयपुर) |
36. |
भक्त शिरोमणि मीरा बाई |
मेड़ता सिटी (नागौर) |
37. |
महाराजा सूरजमल |
भरतपुर |
38. |
भक्त शिरोमणि करमेती बाई |
खण्डेला (सीकर) |
39. |
राव शेखाजी |
अमरसर (जयपुर) |
40. |
झालामन्ना |
बड़ी सादड़ी (चित्तौड़गढ़) |
पर्यटन विभाग द्वारा अयोजित महोत्सव:-
क्र.सं. |
उत्सव |
स्थान |
1. |
ऊँट महोत्सव |
बीकानेर |
2. |
थार महोत्सव |
बाड़मेर |
3. |
मरु महोत्सव |
जैसलमेर |
4. |
मारवाड़ महोत्सव |
जोधपुर |
5. |
मेवाड़ महोत्सव |
उदयपुर |
6. |
पतंग महोत्सव |
जयपुर व जैसलमेर |
7. |
कांठल महोत्सव |
प्रतापगढ़ |
8. |
विंटेज कार रेली |
जयपुर |
9. |
बेणेश्वर महोत्सव |
डूँगरपुर |
10. |
धुलण्डी महोत्सव |
जयपुर |
11. |
गणगौर महोत्सव |
जयपुर |
12. |
ग्रीष्म व शीत महोत्सव |
माउण्ट आबू |
13. |
महावीर जी महोत्सव |
करौली |
14. |
जगन्नाथ मेला महोत्सव |
अलवर |
15. |
तीज महोत्सव |
जयपुर |
16. |
कजली तीज महोत्सव |
बूँदी |
17. |
दशहरा महोत्सव |
कोटा |
18. |
खलखाणी माता महोत्सव |
जयपुर |
19. |
पुष्कर मेला महोत्सव |
अजमेर |
20. |
किन्नू महोत्सव |
श्रीगंगानगर |
21. |
मीरा महोत्सव |
चित्तौड़गढ़ |
22. |
चन्द्रभागा महोत्सव |
झालावाड़ |
23. |
हाथी महोत्सव |
जयपुर |
24. |
केलादेवी महोत्सव |
करौली |
25. |
बृज महोत्सव |
भरतपुर |
26. |
शेखावाटी महोत्सव |
झुंझुनूँ |
27. |
कामां महोत्सव |
कामां (भरतपुर) |
28. |
झील महोत्सव |
उदयपुर |
29. |
मत्स्य महोत्सव |
अलवर |
30. |
कुम्भलगढ़ महोत्सव |
राजसमंद |
31. |
भक्ति महोत्सव |
पुष्कर (अजमेर ) |
32. |
रणकपुर महोत्सव |
पाली |
● फरवरी-मार्च 2021 में निम्न पाँच मेलों का आयोजन किया गया है–
1. मरू महोत्सव, जैसलमेर 2. ब्रज होली उत्सव, भरतपुर
3. चित्तौड़गढ़ महोत्सव 4. शेखावाटी उत्सव, लक्षमणगढ़
5. नागौर मेला
पुरातत्व एवं संग्रहालय
● मन्दिर समूह – किराडू बाड़मेर
● हर्ष देवल शिव मन्दिर – बिलाड़ा (जोधपुर)
● सूर्य मंदिर – बूढ़ादीत (कोटा)
● सेठानी का जोहड़ा – चूरू
● जलमहल – कुम्हेर एवं किशोरी महल (भरतपुर)
● भवानी नाट्यशाला – झालावाड़
● छनेरी पनेरी देवालय – झालावाड़
● रामगढ़ किला – बाराँ
● मन्दिर समूह – आवां (कोटा)
● फतेहगढ़ किला – अजमेर
● फलोदी किला – जोधपुर
● शाहाबाद किला – बाराँ
● शेरगढ़ किला – अटरू (बाराँ)
● डीग किला (भरतपुर)
● सज्जनगढ़ किला – उदयपुर
● तालाब-ए-शाही-बाड़ी – धौलपुर
● शिव-मंदिर ओसियाँ – जोधपुर
● राव बीकाजी की टेकरी – बीकानेर
● सूखमहल – बूँदी
● चौरासी खम्भों की छतरी – बूँदी
● बत्तीस खम्भों की छतरी – माण्डलगढ़ (भीलवाड़ा)
● अमरसिंह राठौड़ की छतरी – नागौर
● रंगमा तालाब – करौली
● शिखरमहल – करौली
● श्री पाबूजी मन्दिर – कोल्हू (जोधपुर)
● लक्ष्मीरानी महल – भरतपुर
● विमलकुण्ड – कामां (भरतपुर)
● मचकुण्ड – धौलपुर
● प्राचीन स्थल गनमोरा – नादौती (करौली)
● मालकोट दुर्ग – मेड़ता (नागौर)
● चन्द्रेसल मठ – कोटा
● सुनहरी कोठी – टोंक
● घाट के बालाजी – जयपुर
● बंधे के बालाजी – जयपुर
● बौद्ध स्मारक – विराटनगर (जयपुर)
● केशवराय मन्दिर – केशोरायपाटन (बूँदी)
वर्ष 2020 में प्राप्त महत्त्वपूर्ण पुरस्कार
● 22 फरवरी, 2020 को नई दिल्ली में आउटलुक ट्रेवलर अवॉर्ड के अन्तर्गत राजस्थान को “बेस्ट इण्डिया वेडिंग डेस्टिनेशन’ पुरस्कार।
● अक्टूबर, 2020 में कॉन्डेनॉस्ट रिडर्स चॉईस अवॉर्ड- 2020 के अन्तर्गत पैलेस ऑन व्हील्स-सेकण्ड लग्जीरियस ट्रेन इन द वर्ल्ड अवॉर्ड।
● 26 अक्टूबर, 2020 को नई दिल्ली में पिंक सिटी जयपुर को-बेस्ट हैरिटेज डेस्टिनेशन इन द कन्ट्री एवं रणथम्भौर (सवाई माधोपुर) –बेस्ट वाइल्ड लाईफ डेस्टिनेशन इन द कन्ट्री अवॉर्ड प्राप्त हुए।
● 25 नवम्बर, 2020 को ट्रेवल और लीज़र इण्डिया एण्ड साउथ एशिया के अन्तर्गत राजस्थान को बेस्ट डोमेस्टिक डेस्टिनेशन अवॉर्ड।
● 29 नवम्बर, 2020 को ट्रेवल और लीजर इण्डिया एण्ड साउथ एशिया के अन्तर्गत राजस्थान को बेस्ट वेडिंग एण्ड हनीमून डेस्टिनेशन अवॉर्ड प्राप्त हुआ।
वर्ष 2021 में प्राप्त पुरस्कार–
● ट्रेवल एण्ड टूरिज्म फेयर (टी.टी.एफ) कोलकाता में सेफ टूरिज्म डेस्टीनेशन अवॉर्ड।
● ट्रेवल एण्ड टूरिज्म फेयर (टी.टी.एफ.) अहमदाबाद में बेस्ट डेकोरेशन अवॉर्ड।
● नई दिल्ली में फेयर एण्ड फेस्टीवल के लिए 7th (आईटीसीटीए) – बी2बी इंटरनेशलन टूरिज्म एक्सपो & कान्क्लेव अवॉर्ड।
● इण्डिया इन्टरनेशनल ट्रेलव मार्ट (आई.आई.टी.एम.) बैंगलोर में डोमेस्टिक टूरिज्म प्रमोशन कैंम्पेन एवं बेस्ट प्रजेन्टेशन अवॉर्ड।
● इण्डिया टुडे टूरिज्म अवॉर्डस-2021, नई दिल्ली में गरडिया महादेव (कोटा) के लिए बेस्ट आइकोनिक लैडस्केप डेस्टीनेशन अवॉर्ड।
● इण्डिया टुडे टूरिज्म अवार्डस-2021, नई दिल्ली में डेजर्ट फेस्टिवल (जैसलमेर) के लिए बेस्ट फेस्टीवल डेस्टीनेशन अवॉर्ड।
● ट्रेवल एवं लीजर मैंगनीज द्वारा ‘बेस्ट स्टेट इन इण्डिया अवॉर्ड’।
● ट्रेवल एवं लीजर मैंगनीज द्वारा ‘बेस्ट वेडिंग डेस्टीनेशन अवॉर्ड’।
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