20 वीं पशुगणना (Livestock Census)

20 वीं पशुगणना

20th Livestock Population 2019

SpeciesMillionRanking in world Population
Cattle192.5VIth
Buffalo109.9IInd
Sheep74.3IVth
Goat148.9Ist
Poultry851.8VIIth
Camel0.3Ist

20वीं पशुगणना

क्र. सं.पशु का नाम19वीं पशुगणना (संख्या)20 वीं पशुगणना (संख्या)विश्लेषणभारत में प्रथमराजस्थानमें स्थान
1.ऊँट3.25 लाख2.13 लाख34.69% कमीराजस्थानप्रथम
2.गाय133 लाख139 लाख4.60% वृद्धिप. बंगालछठा
3.भैंस130 लाख137 लाख5.53% वृद्धिउत्तर प्रदेशदूसरा
4.भेड़91 लाख79 लाख12.95% कमीप. बंगालचौथा
5.घोड़ा38 हजार34 हजार10.85% कमीउत्तर प्रदेशतृतीय
6.गधे81 हजार23 हजार71.31% कमीराजस्थानप्रथम

Rajasthan Livestock Census-2019

Animal Husbandry Website के अनुसार

20 वीं पशुगणना – 2019
S.No.Species20122019Change% of Change 
1Cattle13324462139376306131684.60 
2Buffalo12976095136933167172215.53 
3Sheep90797027903857-1175845-12.95 
4Goat2166593920840203-825736-3.81 
5Horse3777633679-4097-10.85 
6Mules33751339-2036-60.33 
7Donkey8146823374-58094-71.31 
8Camel325713212739-112974-34.69 
9Pig237674154808-82866-34.87 
 Total5773220456800945-931259-1.61 
 Poultry802442414622975659855182.23 

पशु गणना :-

● राजस्थान में पशुपालन विभाग की स्थापना 1957 में की गई।

● राजस्व मण्डल अजमेर की स्थापना 1 अप्रैल, 1949 को की गई।

● राजस्थान में सर्वप्रथम पशुगणना – दिसम्बर, 1919 से अप्रैल, 1920

● राजस्थान में प्रथम पशुगणना जोधपुर, जयपुर, किशनगढ़, टोंक, कोटा और बूँदी रिसायतों में की गई।

● आजादी के बाद पहली पशुगणना- 1951 में की गई।

(i) इस समय राज्य में पशु संख्या 2.46 मिलियन थी।

(ii) यह राज्य की 7वीं पशुगणना थी।

● पशुगणना राजस्व विभाग द्वारा

● पशुगणना की अवधि– हर 5 वर्ष के अन्दर

नवीनतम पशुगणना :-

● प्रत्येक पाँच वर्ष बाद राज्य में पशुगणना राजस्व मडंल द्वारा की जाती रही है, जबकि इस बार 20वीं पशुगणना का कार्य राजस्व मण्डल (अजमेर) व पशुपालन निदेशालय (जयपुर) द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी।

● प्रथम पशुगणना वर्ष 1919 में की गई।

● स्वतंत्रता के पश्चात् पहली पशुगणना वर्ष 1951 में की गई।

● 19वीं पशुगणना 2012 में की गई थी।

● नवीनतम 20वीं पशुगणना 2019 में हुई थी।

● 20वीं पशुगणना की शुरुआत 1 अक्टूबर, 2018 को की गई।

● 20वीं पशुगणना पूर्णरूप से डिजिटल पशुगणना थी।

● 2019 की पशुगणना में दो राज्य प्रशासन (State Admin) बनाए गए जिसमें-

● 20वीं पशुगणना में प्रत्येक जिले में पशुगणना अधिकारी के रूप में जिला कलेक्टर को नियुक्त किया गया।

● 20वीं पशुगणना के आँकडे़ का प्रकाशन 16 अक्टूबर, 2019 में किया गया।

● देश के कुल दूध उत्पादन में राज्य का योगदान 13 प्रतिशत व ऊन उत्पादन में 37 प्रतिशत है।

20वीं पशुगणना के आँकड़े :-

● देश में स्थान = IInd (राजस्थान) व [Ist = उत्तरप्रदेश]

● वर्ष 2019 की पशुगणना के अनुसार राज्य में कुल पशुसम्पदा = [56.8 मिलियन]

● वर्ष 2012 में राजस्थान की कुल पशु सम्पदा = [57.7 मिलियन]

● 20वीं पशुगणना रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल पशुधन में 4.6% की वृद्धि हुई है।

● वर्ष 2012 में पशुधन – 51 करोड़ 20 लाख (512 मिलियन)

  ● वर्ष 2019 में पशुधन – 53 करोड़ 57 लाख (535.78 मिलियन)

राजस्थान 20वीं पशुगणना के आँकड़े :-  

● वर्ष 2012 के सापेक्ष 2019 में कुल पशुसम्पदा में 1.61 % कमी हुई है।

गौवंश :-

● वर्ष 2019 की पशुगणना के अनुसार – 13.9 मिलियन है।

● देश में स्थान – छठा

● वर्ष 2012 के अनुसार गौवंश = 13.3 मिलियन थी।

● वर्ष 2019 मे गौंवश में 4.6% वृद्धि हुई है।

● राजस्थान में सर्वाधिक गौवंश बीकानेर में व न्यूनतम धौलपुर में जिले में पाए जाते हैं।

भैंस

● वर्ष 2019 के अनुसार राजस्थान में भैंसों की संख्या 13.7 मिलियन हैं।

● देश में स्थान – दूसरा

● वर्ष 2012 के अनुसार भैंसों की संख्या = 13.0 मिलियन थी।

● वर्ष 2019 में 5.53% भैंसों  की संख्या में वृद्धि हुई हैं।

● राज्य में सर्वाधिक भैंस जयपुर व न्यूनतम जैसलमेर में पाई जाती है।

भेड़

● वर्ष 2019 के अनुसार राजस्थान में भेड़ों की संख्या 7.9 मिलियन हैं।

● देश में स्थान- चौथा

● वर्ष 2012 के अनुसार राजस्थान में भेड़ों की संख्या = 9.1 मिलियन  थी।

● वर्ष 2019 में 12.95% भेड़ों की संख्या में  कमी हुई हैं।

● राजस्थान में सर्वाधिक मात्रा में भेड़ बाड़मेर जिले में पाई जाती हैं।

● राजस्थान में न्यूनतम मात्रा में भेड़ बाँसवाड़ा जिले में पाई जाती हैं।

बकरी

● वर्ष 2019 के अनुसार राजस्थान में बकरियों की संख्या 20.84 मिलियन हैं।

● देश में स्थान – पहला

● वर्ष 2012 में राजस्थान में बकरियों की  संख्या – 21.67 मिलियन थी।

● वर्ष 2019 में  3.81 % बकरियों की संख्या में  कमी हुई है।

● राजस्थान में सर्वाधिक बकरियाँ बाड़मेर व न्यूनतम धौलपुर में पाई जाती है।

ऊँट

● वर्ष 2019 में राजस्थान में ऊँटों की संख्या – 2 लाख 13 हजार है।

● देश में स्थान – प्रथम

● वर्ष 2012 में राजस्थान में ऊँटों की संख्या 3 लाख 26 हजार थी।

● वर्ष 2019 में 34.69% ऊँटों की संख्या में कमी हुई है।

● 30 जून, 2014 को ऊँट को राज्य पशु घोषित किया गया।

● राजस्थान में सर्वाधिक ऊँट जैसलमेर में पाए जाते हैं।

● राजस्थान में न्यूनतम ऊँट झालावाड़ में पाए जाते हैं।

घोड़े

● वर्ष 2019 में राजस्थान में घोड़ों की संख्या – 34 हजार है।

● देश में स्थान – तृतीय

● वर्ष 2012 में – 38 हजार थी।

● वर्ष 2019 में 10.85 % घोड़ों की संख्या में कमी हुई है।

● यह सर्वाधिक मात्रा में बीकानेर जिले में पाए जाते हैं।

● यह न्यूनतम मात्रा में डूँगरपुर जिले में पाए जाते हैं।

गधे

● वर्ष 2019 के अनुसार राजस्थान में गधों की संख्या 23 हजार

● वर्ष 2012 में – 81 हजार थी।

● देश में स्थान – प्रथम

● वर्ष 2019 में 71.31% गधों की संख्या में कमी हुई है।

● ये सर्वाधिक मात्रा में राजस्थान के बाड़मेर जिले में पाए जाते हैं एवं न्यूनतम मात्रा में टोंक जिले में पाए जाते हैं।

● गधों का मेला प्रतिवर्ष लुणियावास (जयपुर) में आयोजित किया जाता है।

● गर्दभ अभयारण्य चिकित्सा केन्द्र, डूण्डलोद (झुंझुनूँ) में स्थित है।

भारत में दुग्ध उत्पादन :-

भारत में दुग्ध उत्पादन और प्रति व्यक्ति दुग्ध की उपलब्धता
वर्षउत्पादन/मिलियन टनप्रति व्यक्ति (ML/Day)
2009-10116.4273
2010-11121.8281
2011-12127.9290
2012-13132.4299
2013-14137.7307
2014-15146.3322
2015-16155.5337
2016-17165.4355
2017-18176.3375
2018-19187.7394
2019-20198.4406
2020-21209.96427
2021-22221.06444

Live stock Population States Ranking– 2019

S.No.StatesPopulation(In million) 2019
1Uttar Pradesh67.8
2Rajasthan56.8
3Madhya Pradesh40.6
4West Bengal37.4
5Bihar36.5
6Andhra Pradesh34.0
7Maharashtra33.0
8Telangana32.6
9Karnataka29.0
10Gujarat26.9

Cattle Population- 2019

S.No.StatesPopulation(In million) 2019
1West Bengal19.0
2Uttar Pradesh18.8
3Madhya Pradesh18.7
4Bihar15.3
5Maharashtra13.9
6Rajasthan13.9
7Jharkhand11.2
8Assam10.9
9Chhattisgarh10.0
10Odisha9.9

Buffalo population Major States– 2019

S.No.StatesPopulation(In million) 2019
1Uttar Pradesh33.0
2Rajasthan13.7
3Gujarat10.5
4Madhya Pradesh10.3
5Bihar7.7
6Andhra Pradesh6.2
7Maharashtra5.6
8Haryana4.4
9Telangana4.2
10Panjab4.0

Sheep population– 2019

S.No.StatesPopulation(In million) 2019
1Telangana19.1
2Andhra Pradesh17.6
3Karnataka11.1
4Rajasthan7.9
5Tamil Nadu4.5
6Jammu & Kashmir3.2
7Maharashtra2.7
8Gujarat1.8
9Odisha1.3
10Uttar Pradesh1.0

Goat Population – 2019

S.No.StatesPopulation(In million) 2019
1Rajasthan20.84
2West Bengal16.28
3Uttar Pradesh14.48
4Bihar12.82
5Madhya Pradesh11.06
6Maharashtra10.60
7Tamil Nadu9.89
8Jharkhand9.12
9Odisha6.39
10Karnataka6.17

Camel Population– 2019

● देश में कुल ऊँट की आबादी 2019 के दौरान 0.25 मिलियन है।

S.No.States
1Rajasthan
2Gujarat
3Haryana
4Uttar Pradesh

राजस्थान में पशुधन

नस्लप्रथम स्थानद्वितीय स्थान
गायबीकानेर (1.19m)जोधपुर (1.06m)
भैंसजयपुर (1.20 m)अलवर (1.14m)
भेंड़बाड़मेर (1.0 m)जैसलमेर (0.83m)
बकरीबाड़मेर (2.9 m)जोधपुर (1.64m)

● भारत में ऊन उत्पादन 2019-20 के अनुसार– 36.74 m. kg

● भारत में मांस उत्पाद 2019-20 के अनुसार– 8.60 m.t.

● राजस्थान में पशुधन सर्वेक्षण परिणाम– 2018-19

दूध       – 23668.066 हजार टन

अण्डा   – 16615.634 लाख (संख्या)

ऊन       – 14521.844 हजार किग्रा

मांस – 191.661 हजार टन

नवीनतम राजस्थान में पशुधन सर्वेक्षण परिणाम – 2021-22

दूध       – 33264.70 हजार टन

अण्डा   – 26884.00 लाख (संख्या)

ऊन       – 15207.33 हजार किग्रा

मांस – 220.61 हजार टन

पशुपालन अनुसंधान संस्थान

1. केन्द्रीय पक्षी अनुसंधान केन्द्र– इ ज्जतनगर (U.P.)

2. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान केन्द्र– हिसार (हरियाणा)

3. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान केन्द्र– मखदूम, मथुरा (U.P.)

4. केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान केन्द्र– अविकानगर, मालपुरा टोंक (राजस्थान)

5. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र– इज्जतनगर (U.P.)

6. राष्ट्रीय दुग्ध अनुसंधान केन्द्र– करनाल (हरियाणा)

7. राष्ट्रीय दुग्ध विकास संस्थान– आनन्द (गुजरात)

8. राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केन्द्र– जोहड़ बीड़ (बीकानेर)

9. राष्ट्रीय  घोड़ा अनुसंधान केन्द्र– हिसार (हरियाणा)

10. राष्ट्रीय मांस एवं मांस उत्पादन अनुसंधान केन्द्र– बोदुपाल, हैदराबाद

11. गौ पशु परियोजना निदेशालय– मोदीपुरम (मेरठ, U.P.)

12. कुक्कुट परियोजना निदेशालय– हैदराबाद

13. राजस्थान सहकारी डेयरी संघ– जयपुर

14. केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान– मद्रास (तमिलनाडु)

15. बेकन फेक्ट्री– अलवर

16. राजस्थान का गौवंश नस्ल सुधार प्रजनन केन्द्र– बस्सी, जयपुर

17. राजस्थान का भैंस नस्ल सुधार प्रजनन केन्द्र– वल्लभनगर, उदयपुर

18. जर्सी गाय का पशु प्रजनन केन्द्र– बस्सी, जयपुर

19. मेवाती गाय का पशु प्रजनन केन्द्र– अलवर

20. हरियाणवी गाय का पशु प्रजनन केन्द्र– कुम्हेर, भरतपुर

21. राठी गाय का पशु प्रजनन केन्द्र– नोहर, हनुमानगढ़

22. गिर गाय का पशु प्रजनन केन्द्र– डग, झालावाड़

23. थारपारकर गाय का पशु प्रजनन केन्द्र– सूरतगढ़ (गंगानगर)

24. लाल सिंधी गाय का मवेशी प्रजनन फार्म– ओडिशा

25. मुर्रा भैंस का मवेशी प्रजनन फार्म– मद्रास, तमिलनाडु

26. सूरती भैस का मवेशी प्रजनन फार्म– सूरत (गुजरात)

27. राष्ट्रीय  सूअर अनुसंधान केन्द्र– गुवाहाटी (असम)

28. पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय– बीकानेर

29. केन्द्रीय गौ पशु प्रजनन फार्म– सूरत (गुजरात)

30. क्षेत्रीय चारा उत्पादन एवं प्रदर्शन केन्द्र– सूरत गढ़ (राजस्थान)

31. राज्य कुक्कुट प्रशिक्षण सस्ंथान– अजमेर

32. राजकीय कुक्कुटशाला– खातीपुरा, जयपुर

33. अन्तर्राष्ट्रीय पशुधन अनुसंधान सस्ंथान– नैरोबी केन्या

34. राष्ट्रीय पशु पोषण और कार्यिकी संस्थान– बेंगलुरु

35. पशु पोषाहार संस्थान– जामडोली, जयपुर

36. भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान– झाँसी (U.P)

37. राजस्थान में बकरी विकास केन्द्र- रामसर, अजमेर

38. राजस्थान में दूध उत्पादन में अग्रणी जिला– जयपुर

39. राजस्थान में सर्वाधिक मास उत्पादन वाला जिला– जोधपुर

40. राजस्थान में सर्वाधिक ऊन उत्पादन वाला जिला– पाली

41. केन्द्रीय ब्रेकिश वॉटर एक्वाकल्चर संस्थान– चेन्नई

42. केन्द्रीय समुद्री मछली अनुसंधान संस्थान– कोच्चि

43. केन्द्रीय ताजा मछली अनुसंधान संस्थान– हैदराबाद

प्रमुख पशु डेयरियाँ

1. गंगमूल डेयरी– श्रीगंगान गर

2. पद्मा डेयरी– अजमेर (राजस्थान की सबसे पुरानी डेयरी)

3. वरमूल डेयरी– रानीवाड़ा (जालोर) सबसे बड़ी डेयरी

4. उरमूल डेयरी– बीकानेर (ऊँटनी के दूध का पेटेंट)

5. सरस डेयरी– जयपुर

6. अमूल डेयरी– गुजरात – (संस्थापक – डॉ. वर्गीस कुरियन)

पशुधन आँकड़े

● कृषि एवं कृषि संबंधी उत्पाद का सकल घरेलू उत्पाद में अधिकतम योगदान– दूध (5.3%)

● देश का प्रथम KVK (किसान विज्ञान केन्द्र) 1974 (पांडिचेरी)

● मांस, ऊन के लिए मवेशी या भेड़ जैसे पशुधन को चराने का व्यवसाय – रेचिंग

● बोरलॉग पुरस्कार– कृषि क्षेत्र में

● भारत में सबसे बड़ी गौशाला– पथमेड़ा (जालोर)

20वीं पशुगणना, 2019 के अनुसार केन्द्रीय

क्र.सं.नस्ल2012(m)2019(m)वृद्धि
1.गाय190.90192.490.83%
2.भैस108.70109.851.06%
3.भेड़65.0774.2614.13%
4.बकरी135.17148.8810.14%
5.सूअर10.299.0612.03% कमी
6.ऊँट0.400.25(2.5 लाख)37.05% कमी
कुल512.06535.784.63%
1.मुर्गी729.21851.8116.8%

● मादा गायें – 145. 12 m

● विदेशी एवं संकर गाय – 50.42 m

● देशी गाय – 142.11 m

● कुल दुधारू पशु (गाय, भैंस)- 125.34 m

● कुल मुर्गी – 851.81 m

● Backyard poultry – 317.07 m

● Commercial Poultry – 534.74 m

Live Stock Population -2019

Share of major Species

● Cow – 35.94%

● Buffalo – 20.45%

● Goat – 27.80%

● Sheep – 13.87%

● Pig – 1.69%

20वीं पशुगणना 2019 अनुसार भारत में पशु घनत्व

पशु1st2nd3rdराजस्थानमें स्थान
गायप.बंगाल(19m)U.P. M.P.6th(13.9 m)
भैंसUP(33m)राजस्थान(13.7 m.)गुजरात2nd
भेड़तेलंगाना(19.1 m)आंध्र प्रदेशकर्नाटक4th(7.9 m)
बकरीराजस्थान(20.84m)प.बंगाल UP1St
ऊँटराजस्थान (2.13 लाख)गुजरात हरियाणा1St
मुर्गीतमिलनाडु (120.8 m)आंध्र प्रदेशतेलंगाना 17th(14.6 m)

सर्वाधिक पशुधन

पशुसर्वाधिक संख्या
गायप. बंगाल
भैंसउत्तर-प्रदेश
भेड़तेलंगाना
बकरीराजस्थान
सूअरअसम
मुर्गीतमिलनाडु
विदेशी व संकर नस्लेंतमिलनाडु
ऊँटराजस्थान
याकजम्मू-कश्मीर
मिथुनअरुणाचल प्रदेश
कुल पशुधनउत्तर-प्रदेश

20 वीं पशुगणना, 2019 के अनुसार

स्थानसर्वाधिक पशुधन वाला राज्य
पहला स्थानU.P (67.6M)
दूसरा स्थानराजस्थान (56.8M)
तीसरा स्थानM.P. (40.6m)
चौथा स्थानप. बंगाल (37.4m)
पाँचवाँ स्थानबिहार (36.5m)
छठा स्थानआंधप्रदेश (34.0M)
सातवाँ स्थानमहाराष्ट्र (33.0m)
आठवाँ स्थानतेलंगाना (32.6m)
नौवाँ स्थानकर्नाटक (29.0m)
दसवाँ स्थानगुजरात (26.9m)

20 वीं पशुगणना, 2019 के अनुसार राजस्थान में पशु धनत्व

क्र.सं. 2012(m)2019(m)वृद्धि %
1.गाय13.313.94.60%
2.भैस12.913.635.53%
3.भेड़9.07.912.95% कमी
4.बकरी21.620.843.81% कमी
5.ऊँट0.320.21(2.13 लाख)34.69% कमी
कुल57.756.81.61% कमी
मुर्गी8.014.682.83%

● भारत में अण्डा उत्पादन 2018-19 के अनुसार- 103.93 Billion

● भारत में अण्डा उत्पादन 2019-20 के अनुसार- 114.38 Billion

● भारत में अण्डा उत्पादन 2020-21 के अनुसार- 122.04 Billion

● भारत में अण्डा उत्पादन 2021-22 के अनुसार- 129.60 Billion

● भारत में प्रति व्यक्ति अण्डा उपलब्धता- 79 अण्डे प्रति व्यक्ति (2019)

● भारत में प्रति व्यक्ति अण्डा उपलब्धता – 95 अण्डे प्रति व्यक्ति (2021-22) के अनुसार

● राजस्थान में अण्डा उत्पादन 2021-22 के अनुसार – 26884.00 लाख nos

● राजस्थान में प्रति व्यक्ति अण्डा उपलब्धता – 22 अण्डे प्रति व्यक्ति (2019)

● राजस्थान में प्रति व्यक्ति अण्डा उपलब्धता – 34 अण्डे प्रति व्यक्ति (2021-22) के अनुसार

● भारत का अण्डा उत्पादन में स्थान- तीसरा

चीन > USA > भारत

पशुपालन से संबंधित योजनाएँ एवं विकास कार्यक्रम

1.   “की” विलेज योजना प्रथम पंचवर्षीय योजना व पशुओं का अच्छा पालन पोषण करके उत्पादन को बढ़ाया जा सके।

2.   सहकारी डेयरी – पूरे देश में राज्य स्तर पर सहकारी डेयरियाँ स्थापित की गई।

● डेयरी की समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) गठित किया गया।

● राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) – स्थापना 1965 में, मुख्यालय – आनन्द (गुजरात)

● संसार की सबसे बड़ी डेयरी योजना जिसे भारत में ऑपरेशन फ्लड के नाम से जाना जाता है।

● भारतीय डेयरी निगम – भारत सरकार ने 13 जनवरी, 1970 को स्थापना की।

● श्वेत क्रांति (जनक-वर्गीज कुरियन)

● डेयरी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने के लिए इसके तहत ऑपरेशन फ्लड चलाया गया जो तीन चरणों में सम्पन्न हुआ-

(i) ऑपरेशन फ्लड प्रथम चरण – (1970-1978) – सेप्रेटा दुग्ध चूर्ण तथा बटर ऑयल से दूध तैयार करना।

(ii) ऑपरेशन फ्लड द्वितीय चरण –(1978-85)

(iii) ऑपरेशन फ्लड तृतीय चरण – (1986-96)

3.   खाद्य एवं चारा विकास कार्यक्रम 27 जनवरी, 1959

4.   राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड 25 मार्च, 1998

5.   नेशनल मिशन ऑन बॉवाईन प्रोडक्टिविटी पशु संजीवनी वर्ष 2017 में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत पंजीकरण करते हैं।

6.   पायलेट प्रोजेक्ट – (सेक्सड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान) – आवारा नर बछड़ी की समस्या से निजात पाने के क्रम में मादा सेक्स सीमन के उपयोग से  कृत्रिम गर्भाधान करने के दो पायलेट प्रोजेक्ट प्रारम्भ किया गया।

(अ) जनवरी, 2018 -झुंझुनूँ (H.F.)

(ब) दिसम्बर, 2018 – जोधपुर (थारपारकर)

7.   उष्ट्र विकास कार्यक्रम योजना – 2 अक्टूबर, 2016

ऊँटनी के ब्याने पर 10,000 प्रति बच्चा प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

8.   नेशनल लाइव स्टॉक मिशन योजना – 2014-15

9.   मूलग्राम योजना (Key village scheme)– अगस्त, 1952 प्रथम पंचवर्षीय योजना के तहत प्रारम्भ की गई।

10. राष्ट्रीय गोकुल मिशन दिसम्बर, 2014 स्वदेशी नस्लों के विकास व सरंक्षण हेतु।

11. राजस्थान भामाशाह पशुपालन बीमा योजना – पशु की रोग से मृत्यु पर 100% अनुदान दिया जाता है।

12. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम 11 सितम्बर, 2019 मथुरा (U.P)

13. पशु चिकित्सालय पशुपालक के द्वारा योजना – 1 अगस्त, 2009

जिला- पंचायत स्तर पर-शिविर आयोजन

(i) बाँझ निवारण

(ii) बंध्याकरण

(iii) कृमि, परजीवी

14. कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन अधिनियम वर्ष 2017 में लागू

15. राजस्थान राज्य डेयरी विकास निगम– 31 मार्च, 1975

16. ई- पशुहाट पोर्टल का शुभारम्भ 26 नवम्बर, 2016

गाय के स्वदेशी नस्लों के प्रजनकों और किसानों को जोड़ने के लिए गैर आनुवंशिक योग्यता के साथ रोगमुक्त जर्मप्लाज्म की उपलब्धता।

17. किसान रेल योजना 1 फरवरी, 2020

● भारतीय रेलवे निजी सार्वजनिक साझेदारी (PPP) के माध्यम से प्रारम्भ की गई।

● उद्देश्य– जल्दी खराब होने वाली फल व सब्जियाँ जैसे उत्पाद (दूध, मांस, मछली) के परिवहन के लिए शीत भंडारित के लिए किसान रेल चलाई गई।

● छोटे किसानों को देशभर में खराब होने वाले सामानों की आपूर्ति में मदद करना।

18. किसान कृषि उड़ान योजना – 1 फरवरी, 2020

● प्रारम्भ– नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा

● उद्देश्य– किसानों की फसलों को समय से मंडी पहुँचा कर उन्हें उचित मूल्य प्रदान किया जाएगा।

● जल्दी खराब होने वाले पदार्थों जैसे (मांस, दूध, मछली) के लिए एक सहज राष्ट्रीय शीत आपूर्ति शृंखला का निर्माण करना।

19. राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम – 15 सितम्बर, 2019

20. डेयरी प्रोसेसिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फड (DIDF) योजना सितम्बर, 2017

● बजट– 2017-19 से 2028 – 29 के मध्य 10,881 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए।

● डेयरी सेक्टर में मूलभूत संरचना सुविधाएँ सृजन करना।

● क्रियान्वयन एजेंसी– NDDR & NCDC (National cooperative Development Cooperation)

● प्रायोजक एजेन्सी– नाबार्ड

21. गोबर धन योजना– 2018

● आर्थिक समीक्षा 2022-2023 के अनुसार  गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक स्कीम के तहत 500 नए ‘अवशिष्ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा। इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या क्लस्टर आधारित संयंत्र हैं जिनमें कुल लागत रुपये 10,000 करोड़ होगी। प्राकृतिक और बायो गैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत का सीबीजी अधिदेश यथासमय लाया जाएगा। बायो-मास के संग्रहण और जैव-खाद के वितरण के लिए उपयुक्त राजकोषीय सहायता प्रदान की जाएगी।

22. प्रथम मिलिट्री डेयरी फार्म– इलाहाबाद 1 फरवरी, 1889 को स्थापित।

23. नि:शुल्क पशु दवा योजना 15 अगस्त, 2012

24. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम पशुओं के खुरपका मुँहपका रोग और ब्रुसेलोसिस के उन्मूलन के लिए PM द्वारा शुरू किया गया।

25. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP)– प्रारम्भ 11 सितम्बर, 2019 में मथुरा (U.P) में हुआ।

राष्ट्रीय पशु रोग  नियंत्रण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य– 2005 तक मवेशियों में ब्रुसेलोसिस और FMD रोग का नियंत्रित करना और 2030 तक अंतिम उन्मूलन करना।

26. राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) योजना – इस योजना को 2021-22 से 2025-26 के लिए पुनर्गठित किया गया। यह योजना फीड और चारा विकास सहित मुर्गीपालन, भेड़, बकरी और सूअर पालन में उद्यमिता विकास और नस्ल सुधार पर केन्द्रित है।

पशुपालन से सम्बंधित विशेष दिवस :-

1.   विश्व दूध दिवस– 1 जून

2. विश्व पशु कल्याण दिवस– 4 अक्टूबर

3. विश्व अण्डा/प्राकृतिक आपदा निवारण के लिए अन्तर्राष्ट्रीय दिवस–अक्टूबर का दूसरा शुक्रवार

4.   राष्ट्रीय दुग्ध दिवस– 26 नवम्बर, (वर्गीज कुरियन – जन्मदिवस)

5.   कृषि वर्ष– 1 जून, – 31 मई,

6.   विश्व खाद्य दिवस – 16 अक्टूबर 1945

7.   राष्ट्रीय किसान आयोग – 2004 में स्थापना

8.   किसान दिवस – 23 दिसम्बर (5th प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस पर)

महत्त्वपूर्ण तथ्य :-

● विश्व में दूग्ध उत्पादन में भारत का योगदान– 21-22% (2019 के अनुसार)

● अन्तर्राष्ट्रीय अण्डा आयोग के अध्यक्ष (IEC)– सुरेश चितुरी

● कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन अधिनियम वर्ष लागू किया गया– 2017 में

● प्रथम पशु किसान क्रेडिट कार्ड 101 पशुपालकों का किस राज्य में वितरित किया गया – भिवानी (हरियाणा)

● पशुपालन एवं पशु उत्पादन प्रसंस्करण से लगभग 9-10% राजस्व की प्राप्ति होती है।

● राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में पशुपालन का योगदान – 10-11%

भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन का महत्त्व

● देश की 70 से 72 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है तथा कृषि से संबंधित रोजगार पर आधारित है। पशुधन कृषि व्यवसाय में एक महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है। पशुधन से प्राप्त आय, पोषण, घरेलू एवं गरीबी उन्मूलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है। भारत का पशुधन क्षेत्र विश्व में सबसे बड़ा क्षेत्र है। दूध उत्पादन भारत में विश्व का प्रथम स्थान है।

● 20वीं पशु गणना वर्ष 2019 के अनुसार भारत में कुल 53 करोड़ 57 लाख (535.78 मिलियन) पशुधन एवं 851.81 मिलियन कुक्कुट सम्पदा है।

● 20वीं पशु गणना वर्ष 2019 के अनुसार राजस्थान में कुल 5.68 करोड़ पशुधन एवं 146.23 लाख कुक्कुट सम्पदा है।

● भारत में पशुओं की उपयोगिता खाद्य पदार्थ, खाद, चमड़ा आदि के रूप में किया जाता है। वर्ष 2014-15 में दूध उत्पादन 145.73 मिलियन टन से बढ़कर वर्ष 2019-20 में यह 198.7 मिलियन टन हो गया है।

पशुधन से प्राप्त विभिन्न उत्पाद :-

● दूध उत्पादन- राज्य में वर्ष 2021-22 के अनुसार कुल दूध उत्पादन 221.06 मिलियन टन प्रतिवर्ष प्राप्त हुआ है।

● दूध उत्पादन में राजस्थान का भारत में प्रथम स्थान है। (15.5 % के साथ)

● मांस उत्पादन – राज्य में वर्ष 2021-22 के अनुसार 9.29 मि. टन मांस का उत्पादन हुआ है।

● भेड़ के मांस को मटन, बकरे के मांस को चिवोन, सूअर के मांस को पोर्क तथा गाय के मांस को बीफ कहते हैं।

● अण्डा उत्पादन – राज्य में वर्ष 2021-22 के अनुसार 129.60 बिलियन अण्डा उत्पादन हुआ है।

● राज्य में सर्वाधिक अण्डा उत्पादन अजमेर में होता है। तथा 1988 में राजकीय कुक्कुट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई।

● ऊन उत्पादन – नवीनतम पशु गणना के अनुसार राजस्थान में भेड़ों की संख्या 7.9 मिलियन है तथा देश में राजस्थान का चौथा स्थान है।

● भारत में वर्ष 2021-22 के अनुसार 33.04 मिलियन किग्रा. का उत्पादन हुआ है।

● ऊन उत्पादन में राजस्थान का भारत में प्रथम स्थान है।

● बाल – इसे ऊँट तथा बकरी की कुछ नस्लों से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग थैलें, दरियाँ, ब्रश तथा निम्न श्रेणी के कम्बल बनाए जाते हैं।

● सींग, खुर, हड्‌डी – हड्‌डी के चूरे को निर्जमीकृत करके मुर्गी के आहार में काम में लिया जाता है तथा कृषि कार्य में खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है। सींग और खुरों से कई प्रकार के सजावटी सामान जैसे बटन, कंघी आदि बनाएँ जाते हैं।

महत्त्वपूर्ण बिंदु–

● फल्सिंग– मादा पशु को प्रजनन काल के 2- 3 सप्ताह पहले अतिरिक्त दाना खिलाना जिससे स्वच्छ तथा अच्छे अण्डे का उत्पादन कर सके। मुख्यतया भेड़ में करते हैं।

● स्टेमींग अप – ग्याभिन मादा पशु के अंतिम ट्राइमेस्टर में अतिरिक्त दाना खिलाना जिससे मादा तथा फीटस का विकास पूर्णरूप से हो सके।

● विनिंग – नवजात बच्चे को माँ से अलग करके पालना (नवजात बच्चे से माँ का दूध छुड़ाना)

● जियोफेजिया – जानवर द्वारा मिट्टी का खाना

● एलेट्रोफेजिया या पाइका – जानवरों द्वारा अखाद्य पदार्थों को खाना। फॉस्फोरस की कमी से यह रोग होता है।

● इनफेटोफेजिया – माँ द्वारा अपने नवजात बच्चों को खाना (जैसे – कुतिया)

● पाइलोफेजिया– जानवरों द्वारा बालों को खाना

● डिबारकिंग – पोल्ट्री के चोंच का कुछ भाग काटना। सामान्यतया नवजात चूजे (1 दिन) में करते हैं।

● डबिंग – मुर्गियों में कलंगी (Comb) को काटना सामान्यतया नवजात चूजों (3 दिन) में करते हैं।

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