शुष्क खेती ( Dry Farming )
शुष्क खेती ● ऐसे क्षेत्र जहाँ सिंचाई जल की सुविधा ना हो और वाष्पीकरण की मात्रा वर्षा, बर्फ, ओस …
शुष्क खेती ● ऐसे क्षेत्र जहाँ सिंचाई जल की सुविधा ना हो और वाष्पीकरण की मात्रा वर्षा, बर्फ, ओस …
बीज ● पौधे का कोई भी भाग (फल, पत्ती, जड़, तना आदि।) जो अपने समान नए पौधे को जन्म देता है …
बीज ● पौधे का कोई भी भाग (फल, पत्ती, जड़, तना आदि।) जो अपने समान नए पौधे को जन्म देता है …
खरपतवार • ऐसे पौधे जो अनचाहे स्थान व अनचाहे समय पर उगते हैं, खरपतवार कहलाते हैं। • सर्वप्रथम खरपतवार शब्द …
उर्वरक • कारखानों में तैयार किए गए रासायनिक पदार्थ जिनमें पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व उपस्थित होते हैं, उर्वरक …
जैविक खेती व जैव उर्वरक परिभाषा:- • अंतर्राष्ट्रीय जैविक कृषि गतिविधि संघ (IFOAM) के अनुसार जैविक कृषि एक उत्पादन प्रणाली …
संत एवं सम्प्रदाय ● राजस्थान का जनजीवन अनेक धार्मिक मान्यताओं और आस्थाओं में गूँथा हुआ है। राजस्थान की भौगोलिक परिस्थतियों, मध्यकालीन राजनीतिक संक्रमण, इस्लाम के प्रवेश एवं तुर्क आक्रमणों, उत्तर भारत के भक्ति आन्दोलन आदि ने राजस्थान के जनमानस को भी उद्वेलित किया। ● हिन्दू धर्म, राजस्थान प्रदेश का मुख्य धर्म है। हिन्दू धर्म के अंतर्गत ‘विष्णु पूजक’ अर्थात् वैष्णव धर्म में आस्था रखने वाले लोगों की संख्या सर्वाधिक है। वैष्णवों के अतिरिक्त शैव एवं शाक्त मतावलम्बी भी प्रदेश में न्यूनाधिक संख्या में निवास करते हैं। वैष्णव, शैव एवं शाक्त तीनों ही मत अनेक पंथों एवं सम्प्रदायों में बँटे हुए हैं। ● वैष्णव एवं शैव उपासकों को उपासना पद्धति के आधार पर दो भागों में विभक्त किया जा सकता है- (1) सगुण संप्रदाय – इसमें ईश्वर को सर्वस्व मानकर ईश्वर के मूर्त रूप की पूजा – …
राजस्थान की लोक देवियाँ करणी माता ● जन्म – 1387 ई. (वि.सं.1444) ● जन्म स्थान – सुआप गाँव, जोधपुर ● पिता- मेहाजी चारण ● माता- देवल ● बचपन का नाम- रिद्धु बाई या …
1. राजस्थान के लोक देवता ● समाज सुधार कार्य, मानव सेवा, वन संरक्षक, पशु धन की रक्षा, गुरुभक्ति, वचन पालन जैसे मूल्यों के लिए, जीवन देने वाले …
खाद खाद शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के खाद्य शब्द से हुई है जिसका अर्थ भोजन होता है भूमि की उर्वरा …