राजस्थान की स्थिति एवं विंस्तार

स्थिति एवं विस्तार

राजस्थान का नामकरण:-

ब्रह्मवर्त:-

● वैदिक काल में इसे ब्रह्मवर्त नाम से जाना जाता था।

● वैदिक काल में यहाँ पर दृषद्वती या सरस्वती नदी का प्रवाह होने का उल्लेख मिलता है।

मरुकांतार:-

● इस शब्द का उल्लेख ‘वाल्मीकिकृत रामायण’ में किया गया है।

राजस्थानीयादित्य:-

● इस शब्द का उल्लेख ‘बसन्तगढ़ शिलालेख’ सिरोही में मिलता है।

● बसंतगढ़ शिलालेख, बसन्तगढ़ (सिरोही) में खेमल माता के मंदिर के बाहर खुदवाया गया था।

राजपूताना:-

इस शब्द का उल्लेख सर्वप्रथम जॉर्ज थॉमस ने 19वीं सदी के प्रारम्भ (1800 ई.) में किया था।

● ‘जॉर्ज थॉमस’ ग्वालियर के शासक ‘दौलतराव सिन्धिया’ का अंग्रेजी कमांडर था।

● राजपूताना शब्द का लिखित प्रमाण 1805 ई. में प्रकाशित ‘विलियम फ्रेंकलिन’ की पुस्तक मिलिट्री मेमॉयर्स ऑफ जॉर्ज थॉमस में मिलता है।

राजस्थान, रजवाड़ा, रायथान:-

● कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक एनाल्स एण्ड एंटीक्वीटीज ऑफ राजस्थान का प्रकाशन 1829 ई. में करवाया। इस पुस्तक में इस भू-भाग के लिए उन्होंने राजस्थान व रजवाड़ा शब्द का उल्लेख किया था।

● इसका दूसरा नाम  सेण्ट्रल एण्ड वेस्टर्न राजपूत स्टेट ऑफ इण्डिया है।

● 1835 ई. में कर्नल जेम्स टॉड की मृत्यु हो गई तथा इनकी पत्नी ने 1839 ई. में दूसरी पुस्तक पश्चिमी भारत की यात्रा को प्रकाशित करवाया था।

● मुहणोत नैणसी ने अपनी रचना नैणसी री ख्यात तथा वीरभान के ‘राजरूपक’ में राजस्थान शब्द का प्रयोग किया।

(यह शब्द भौगोलिक प्रदेश राजस्थान के लिए प्रयुक्त हुआ नहीं लगता अर्थात् सर्वप्रथम राजस्थान शब्द का प्रयोग करने का श्रेय कर्नल जेम्स टॉड को दिया जाता है।)

● राजस्थान के एकीकरण के द्वितीय चरण में (25 मार्च, 1948) को सर्वप्रथम राजस्थान शब्द का उल्लेख मिलता है। (पूर्वी राजस्थान संघ के रूप में)

● एकीकरण के छठे चरण में (26 जनवरी1950) राजस्थान शब्द को वैधानिक मान्यता मिली।

● एकीकरण के अंतिम चरण (1 नवंबर, 1956) को राजस्थान को राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर राज्य के रूप में मान्यता मिली।

राजस्थान का परिचय:-         

● भारत के उत्तर-पश्चिम में स्थित क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है। इसका कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है (1,32,139 वर्ग मील) जो भारत के कुल क्षेत्रफल का 10.41% या 1/10वाँ भाग है।

● (1 नवम्बर, 2000 को मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य के अलग होने से राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य बना।)

● क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के पाँच बड़े राज्य – राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात हैं।

● राजस्थान, क्षेत्रफल की दृष्टि से श्रीलंका से पाँच गुना, चेकोस्लोवाकिया से तीन गुना, इजरायल से सत्रह गुना व ब्रिटेन से दुगुना है।

● राजस्थान का क्षेत्रफल लगभग जापान, कांगो रिपब्लिक, फिनलैंड और जर्मनी के क्षेत्रफल के भी बराबर हैं।

राजस्थान में क्षेत्रफल की दृष्टि से जिलों का क्रम–

क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़े जिले

क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटे जिले

1. जैसलमेर (38,401 वर्ग किमी.)

1. धौलपुर (3,034 वर्ग किमी.)

2. बीकानेर (30,247 वर्ग किमी.)

2. दौसा (3,432 वर्ग किमी.)

3. बाड़मेर (28,387 वर्ग किमी.)

3. डूँगरपुर (3,770 वर्ग किमी.)

4.जोधपुर (22,850 वर्ग किमी.)

4. राजसमंद (3,860 वर्ग किमी.)

तथ्य:-

● राजस्थान, जैसलमेर से 8.9 गुना बड़ा है।

● जैसलमेर, राजस्थान का 11.22 प्रतिशत भाग है।

● राजस्थान, धौलपुर से 112.8 गुना बड़ा है।

● धौलपुर, राजस्थान का 0.89 प्रतिशत हिस्सा है।

● जैसलमेर, धौलपुर से 12.66 गुना बड़ा है।

● धौलपुर, जैसलमेर का 7.9 प्रतिशत हिस्सा है।

● विश्व के क्षेत्रफल में राजस्थान का योगदान 0.25 प्रतिशत है।

● राजस्थान की स्थिति, विस्तार एवं आकृति:-

नोट:- 

● ग्लोब या विश्व के मानचित्र में राजस्थान की स्थिति उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में है।

● राजस्थान की आकृति विषम चतुष्कोणीय चतुर्भुजाकार या पतंगाकार है।

● इस आकृति के बारे में सर्वप्रथम टी.एचहेडले ने बताया।

राजस्थान का अक्षांशीय एवं देशांतरीय विस्तार:-

राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार:-

● राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार 23°3’ उत्तरी अक्षांश से 30°12’ उत्तरी अक्षांश तक है।

● राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार 7°9’ अक्षांशों के मध्य है।

● राजस्थान के उत्तर से दक्षिण की लम्बाई 826 किलोमीटर है।

● राजस्थान का उत्तरतम बिन्दु कोणा गाँव (श्रीगंगानगर) व दक्षिणतम बिन्दु बोरकुण्ड (बाँसवाड़ा) है।

राजस्थान का देशांतरीय विस्तार:-

● राजस्थान का देशान्तरीय विस्तार 69°30’ पूर्वी देशांतर से 78°17’ पूर्वी देशांतर तक है।

● राजस्थान का देशांतरीय विस्तार 8°47’ देशांतरों के मध्य है।

● राजस्थान की पूर्व से पश्चिम की चौड़ाई 869 किलोमीटर है।

● राजस्थान का पूर्वी बिन्दु सिलाना गाँव (धौलपुर) व पश्चिमी बिन्दु कटरा गाँव (जैसलमेर) है।

उत्तरी अक्षांश:- इसे कर्क रेखा कहते हैं।

● कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा व मिजोरम से होकर गुजरती है।

● कर्क रेखा राजस्थान के डूँगरपुर जिले के चिकली गाँव (सिमलवाड़ा तहसील) को छूते हुए बाँसवाड़ा के मध्य से (कुशलगढ़ से होकर) गुजरती है अर्थात् यह राजस्थान के दो जिलों से होकर गुजरती है।

● कर्क रेखा की राजस्थान में कुल लम्बाई 26 किलोमीटर है।

● कर्क रेखा राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है जबकि राजस्थान का 99% क्षेत्रफल कर्क रेखा के उत्तरी भाग में स्थित है।

● सूर्य की सीधी किरणें कर्क रेखा पर यानी बाँसवाड़ा जिले में पड़ती हैं, तो राजस्थान में सर्वाधिक तिरछी किरणें श्रीगंगानगर में पड़ती है।

● कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा) में 21 जून को सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर लम्बवत् पड़ती हैं।

● कर्क रेखा से जैसे-जैसे हम उत्तर की ओर जाते हैं, वैसे-वैसे सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती जाती हैं।

● माही नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है इसलिए इसे राजस्थान की ‘स्वर्ण रेखा’ कहा जाता है।

● राजस्थान में सूर्य की सीधी किरणें बाँसवाड़ा में पड़ती है।

● राजस्थान में सूर्य की सर्वाधिक तिरछी किरणें श्रीगंगानगर में पड़ती हैं।

● राजस्थान में सबसे बड़ा दिन 21 जून को होता है।

● राजस्थान में सबसे बड़ी रात 22 दिसम्बर को होती है।

● राज्य में दिन व रात की अवधि बराबर 21 मार्च  23 सितम्बर को होती है।

● जैसलमेर तथा धौलपुर में सूर्योदय का अन्तर लगभग 36 मिनट का होता है।

● सर्वप्रथम सूर्योदय व सूर्यास्त धौलपुर जिले में होता है तथा राजस्थान में सबसे बाद में सूर्योदय व सूर्यास्त जैसलमेर में होता है।

● राजस्थान का मध्यवर्ती गाँव गंगराना (नागौर) है।

राजस्थान का विस्तार:-

अन्तर्राष्ट्रीय सीमा-

● राजस्थान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है। इस सीमा का नाम रेडक्लिफ रेखा है।

● इस अन्तर्राष्ट्रीय रेखा का नामकरण ब्रिटिश वकील सिरिल रेडक्लिफ के नाम पर किया गया था।

रेडक्लिफ रेखा

● रेडक्लिफ रेखा एक कृत्रिम रेखा है।

● रेडक्लिफ रेखा भारत और पाकिस्तान के बीच खींची गई है।

● रेडक्लिफ लाइन का निर्धारण 13-17 अगस्त, 1947 को हुआ।

● रेडक्लिफ रेखा पर भारत के 3 राज्य और 2 केन्द्र शासित प्रदेश स्थित हैं-

तीन राज्य–

दो केन्द्र शासित प्रदेश–

1. पंजाब

1. जम्मू-कश्मीर

2. राजस्थान

2. लद्दाख

3. गुजरात

● रेडक्लिफ लाइन की कुल लम्बाई 3,323 किलोमीटर है, जिसमें से राजस्थान के साथ 1,070 किलोमीटर की सीमा लगती है यानी कि कुल रेडक्लिफ का एक-तिहाई भाग राजस्थान के साथ संलग्न है।

● रेडक्लिफ रेखा पर क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है और सबसे छोटा जिला श्रीगंगानगर है।

● अन्तर्राष्ट्रीय रेखा की शुरुआत श्रीगंगानगर जिले के हिन्दूमल कोट से शुरू होकर बाड़मेर जिले के बाखासर तक है।

● राजस्थान के 4 जिले अन्तर्राष्ट्रीय रेखा पर स्थित हैं जो कि निम्नलिखित हैं-

1.

श्रीगंगानगर

210 किलो मीटर

2.

बीकानेर

168 किलो मीटर (न्यूनतम)

3.

जैसलमेर

464 किलो मीटर (सर्वाधिक)

4.

बाड़मेर

228 किलो मीटर

● अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित जिलों में से सबसे नजदीक जिला-मुख्यालय श्रीगंगानगर है तथा सबसे दूर जिला मुख्यालय बीकानेर है।

● गैर अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तान की सीमा के सबसे नजदीक जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ व सबसे दूर जिला मुख्यालय धौलपुर है।

● रेडक्लिफ पर पाकिस्तान के 9 जिले स्थित हैं- पंजाब प्रान्त के 3 जिले बहावलनगर, बहावलपुर, रहीमयार खाँ जिले तथा सिंध प्रांत के 6 जिले घोटकी, सुक्कुर, खैरपुर, संघर, उमरकोट व थारपारकर राजस्थान के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाते हैं।

● राजस्थान के साथ सर्वाधिक अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान का बहावलनगर जिला व न्यूनतम अन्तर्राष्ट्रीय सीमा उमरकोट बनाता है।

अन्तर्राज्यीय-सीमा–

● राजस्थान राज्य की स्थलीय सीमा पाँच राज्यों के साथ लगती है–   

राज्य

राजस्थान के संदर्भ में स्थिति

पंजाब

उत्तर

हरियाणा

उत्तर-पूर्व

उत्तर प्रदेश

पूर्व

मध्य प्रदेश

दक्षिण-पूर्व

गुजरात

दक्षिण-पश्चिम

 

पंजाब राज्य-

● यह राजस्थान के साथ न्यूनतम सीमा 89 किलोमीटर बनाता है।

● श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ पंजाब राज्य की सीमा पर स्थित राजस्थान के दो जिले हैं।

● श्रीगंगानगर पंजाब के साथ सर्वाधिक व हनुमानगढ़ न्यूनतम सीमा बनाता है।

● पंजाब के दो जिलों की सीमा राजस्थान के साथ लगती है फाजिल्का, मुक्तसर साहिब है।

हरियाणा राज्य–

● हरियाणा राज्य राजस्थान के साथ 1,262 किलोमीटर की सीमा बनाता है।

● राजस्थान के 7 जिले हरियाणा के साथ सीमा बनाते हैं- (हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूँ , सीकर, जयपुर, अलवर, भरतपुर) हरियाणा के साथ हनुमानगढ़ सर्वाधिक तथा जयपुर न्यूनतम सीमा बनाते हैं।

● हरियाणा के सात जिलों की सीमाएँ – रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, भिवानी, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, मेवात की सीमाएँ राजस्थान के साथ लगती है।

उत्तर प्रदेश राज्य–

● उत्तर प्रदेश राज्य राजस्थान के साथ 877 किलोमीटर की सीमा बनाता है।

● उत्तर प्रदेश के साथ राजस्थान के दो जिले सीमा बनाते हैं- (भरतपुर सर्वाधिक, धौलपुर न्यूनतम)।

● उत्तर प्रदेश के दो जिलों मथुरा व आगरा की सीमाएँ राजस्थान के साथ लगती हैं।

मध्य प्रदेश राज्य-

● मध्य प्रदेश राज्य राजस्थान के साथ 1,600 किलोमीटर की सीमा बनाता है।

● मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान के 10 जिले धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बाराँ, झालावाड़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ व बाँसवाड़ा बनाते हैं।

● मध्य प्रदेश के साथ झालावाड़ सर्वाधिक तथा भीलवाड़ा न्यूनतम सीमा बनाता है।

● राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश के 10 जिले राजस्थान के साथ सीमा – झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, अगरमालवा, मुरैना व श्योपुर बनाते हैं।

● राजस्थान के दो जिले कोटा (अविखण्डित जिला) व चित्तौड़गढ़ (विखण्डित) मध्यप्रदेश के साथ दो बार सीमा का निर्धारण करते हैं।

गुजरात राज्य-

● गुजरात राज्य राजस्थान के साथ 1,022 किलोमीटर की सीमा बनाता है।

● गुजरात के साथ राजस्थान के छह जिले – बाँसवाड़ा, डूँगरपुर, उदयपुर, सिरोही, जालोर व बाड़मेर जिले सीमा बनाते हैं।

● गुजरात के साथ उदयपुर सर्वाधिक तथा बाड़मेर न्यूनतम सीमा बनाता है।

● राजस्थान के साथ गुजरात के छह जिलों की सीमा – बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली, महीसागर, दाहोद व कच्छ की सीमा से लगती हैं।

● राज्य के सर्वाधिक निकट स्थित बंदरगाह कांडला बंदरगाह (गुजरात) है।

● राजस्थान के 25 जिले सीमावर्ती हैं।

● राजस्थान के 23 जिले अन्तर्राज्यीय सीमावर्ती हैं।

राजस्थान के चार ऐसे जिले हैं जो दो-दो राज्यों के साथ सीमा बनाते हैं-

1. हनुमानगढ़ – पंजाब व हरियाणा।

2. भरतपुर – हरियाणा व उत्तर प्रदेश।

3. धौलपुर – उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश।

4. बाँसवाड़ा – मध्य प्रदेश व गुजरात।

राजस्थान के 2 जिले अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय दोनों सीमा पर स्थित हैं–

1. श्रीगंगानगर – पाकिस्तान व पंजाब।

2. बाड़मेर – पाकिस्तान व गुजरात।

● राजस्थान के दो जिले बीकानेर व जैसलमेर केवल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाते हैं।

● राजस्थान के अन्त:वर्ती जिले (आठ)– पाली, नागौर, अजमेर, जोधपुर,  टोंक, दौसा, राजसमंद व बूँदी हैं।

● पाली जिला राजस्थान में सर्वाधिक आठ जिलों व नागौर सात जिलों के साथ सीमा बनाता है।

● नागौर सर्वाधिक संभागीय (चार) मुख्यालयों से सीमा बनाता है।

● राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के बाद अजमेर दूसरा विखण्डित जिला है। 

राजस्थान के संभाग –

● वर्तमान में राजस्थान के 7 संभाग हैं।

● नवीनतम संभाग भरतपुर है। इसकी घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया ने 04 जून, 2005  को की।

● वर्ष 1962 को तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाड़िया ने संभागीय व्यवस्था को समाप्त कर दिया तथा 15 जनवरी, 1987 को हरिदेव जोशी ने संभागीय व्यवस्था को पुन: शुरू किया और अजमेर को छठा संभाग बनाया।

● सर्वाधिक तीन राज्यों की सीमा बनाने वाला संभाग – भरतपुर। (हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश)

● राज्य का मध्यवर्ती संभाग – अजमेर व सर्वाधिक नदियों वाला संभाग कोटा है।

● सबसे कम नदियों वाला संभाग – बीकानेर।

क्र.स.

संभाग

जिले के नाम

विशेष विवरण

1.

जयपुर

जयपुर, सीकर, झुंझुनूँ अलवर, दौसा

सर्वाधिक जनसंख्या, सर्वाधिक घनत्व,

सर्वाधिक अनुसूचित जाति प्रतिशत जनसंख्या,

सर्वाधिक साक्षरता – 72.99, 

राज्य का उत्तर-पूर्वी संभाग।

2.

जोधपुर

जोधपुर, पाली, जालोर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर

सर्वाधिक क्षेत्रफल, सर्वाधिक दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर, सबसे कम साक्षरता – 59.57,

राज्य का पश्चिमी संभाग।

3.

बीकानेर

बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़

सर्वाधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या,

राज्य का उत्तरी संभाग।

4.

अजमेर

अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा, टोंक

राज्य का मध्यवर्ती संभाग।

यह सभी संभागों से सीमा बनाता है।

5.

उदयपुर

उदयपुर, डूँगरपुर, बाँसवाड़ा, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़

सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति, सर्वाधिक लिंगानुपात, दक्षिणी संभाग।

6.

कोटा

कोटा, बूँदी, झालावाड़, बाराँ

न्यूनतम जनसंख्या, सर्वाधिक नदियाँ,

राज्य का दक्षिण-पूर्वी संभाग।

7.

भरतपुर

भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर

न्यूनतम क्षेत्रफल, राज्य का पूर्वी संभाग।

राजस्थान के जिले-

● वर्तमान में राजस्थान के 33 जिले हैं।

● सबसे नवीन जिला प्रतापगढ़ है। इसके निर्माण के लिए परमेशचन्द्र कमेटी का गठन किया गया था।

● प्रतापगढ़ के निर्माण के लिए तीन जिलों का विखण्डन – धारियावाद (उदयपुर), प्रतापगढ़, छोटी सादड़ी, अरनोद (चित्तौड़गढ़) व पीपल खूँट (बाँसवाड़ा) से हुआ।

● एकीकरण के समय सबसे अन्त में सम्मिलित होने वाला जिला अजमेर था, जिसे 26 वें जिले के रूप में मान्यता मिली।

● 27 वाँ जिला धौलपुर 15 अप्रैल, 1982 को बना।

● 10 अप्रैल, 1991 को तीन जिलों का गठन किया गया– बाराँ (कोटा जिले से), दौसा (जयपुर जिले से), राजसमंद (उदयपुर जिले से)।

● 31 वाँ जिला हनुमानगढ़ 12 जुलाई, 1994 को बना।

● 32 वाँ जिला करौली 19 जुलाई, 1997 को बना।

● 33 वाँ जिला प्रतापगढ़ 26 जनवरी, 2008 को बना।

राजस्थान के जिलों की आकृतियाँ

● दौसा : धनुषाकार

● सीकर : प्यालेनुमा/अर्द्ध चन्द्राकार

● भीलवाड़ा : आयताकार

● अजमेर : त्रिभुजाकार

● टोंक : पतंगाकार (राजस्थान की आकृति के समान)

● चित्तौड़गढ़ : घोड़े की नाल के समान

● उदयपुर : ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के समान

● धौलपुर, करौली : बत्तख के समान

● जैसलमेर : अनियमित बहुभुजाकार

● जोधपुर : मयूराकार

● राजस्थान के भौगोलिक विशेषताओं वाले क्षेत्र एवं उनके उपनाम

● कांठल– माही नदी के क्षेत्र को।

● शेखावाटी–  झुंझुनूँ, चूरू, सीकर जिलों को शेखावाटी के नाम से जाना जाता है।

● ढूँढाड़– जयपुर व उसके आस-पास का क्षेत्र (ढूँढ नदी के समीपवर्ती भाग)।

● गुर्जर प्रदेश– जोधपुर और पाली का क्षेत्र।

· वल्ल और दुंगल– जैसलमेर क्षेत्र।

● थली– चूरू, सरदार शहर का क्षेत्र।

● छप्पन का मैदान– प्रतापगढ़ एवं बाँसवाड़ा के मध्य भू-भाग को छप्पन का मैदान कहा जाता है क्योंकि इस भू-भाग में छप्पन गाँवों अथवा नदी-नालों का समूह हैं।

● जांगल– बीकानेर, नागौर एवं जोधपुर का कुछ भाग।

● मेवात– अलवर-भरतपुर का क्षेत्र।

● अर्जुनायन– भरतपुर- अलवर का प्रान्त।

● मेवल  देवलिया– बाँसवाड़ा और डूँगरपुर के मध्य का भू-भाग है।

· मत्स्य प्रदेश– यह जनपद अलवर एवं जयपुर के मध्य स्थित है।

● यौद्धेय– श्रीगंगानगर के निकट का प्रदेश।

● शूरसेन– भरतपुर, धौलपुर व करौली का अधिकतम हिस्सा।

● चन्द्रावती– सिरोही-आबू का क्षेत्र।

● विराट– जयपुर-टोंक के क्षेत्र।

● शिवि– उदयपुर, चित्तौड़गढ़ का क्षेत्र।

● हयाहय– कोटा-बूँदी का क्षेत्र।

● वागड़–  डूँगरपुर, बाँसवाड़ा का क्षेत्र।

● अहिच्छत्रपुर– नागौर के चारों ओर का क्षेत्र।

राजस्थान की उत्पत्ति

● महाद्वीपीय – विस्थापन का सिद्धांत वेगनर ने दिया।

● वेगनर ने बताया कि सर्वप्रथम पृथ्वी पर एक ही भू-भाग था।

● इस भू-भाग का नाम ‘पेंजिया’ था तथा इसके चारों ओर जलीय आकृति ‘पेंथालासा’ थी।

● प्री-केम्ब्रियन काल में इस पेंजिया का विखण्डन हो गया तथा जिस टुकड़े का खिंचाव उत्तर की ओर हुआ उसे ‘अंगारा लैंड’ तथा जिसका खिंचाव दक्षिण की ओर हुआ उसे ‘गौण्डवाना लैंड’ नाम दिया गया।

● अंगारा लैंड तथा गौंडवाना लैंड के बीच में स्थित जलीय -आकृति को वेगनर ने ‘टेथिस महासागर’ नाम दिया था।

● राज्य की उत्पत्ति में अंगारा लैंड का कोई योगदान नहीं है।

● राजस्थान का उत्तर-पश्चिम मरुस्थलीय प्रदेश टेथिस-महासागर के अवशेष हैं।

● अरावली पर्वतीय प्रदेश व दक्षिण-पूर्वी पठारी भाग गौंडवाना लैंड के अवशेष हैं।

● टेथिस सागर के अवशेष के रूप में ‘सांभर’, ‘डीडवाना’, ‘पचपदरा’ खारे पानी की झीलें तथा समुद्री खनिज के रूप में ‘जिप्सम’, ‘लाइमस्टोन’, ‘लिग्नाइट कोयला’, ‘तेल व प्राकृतिक गैस’ भी इनका अवशेष हैं। पूर्वी-मैदानी भाग भी टेथिस-महासागर का अवशेष हैं।

● राजस्थान में अधिकांशत: स्थलाकृतियों के निर्माण में टेथिस महासागर का योगदान है।

● राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्रों का निर्माण ‘मरु’, ‘मेरु’  ‘माल’ से हुआ है।

मरु – उत्तरी – पश्चिमी मरुस्थलीय प्रदेश।

मेरु – अरावली पर्वतमाला।

माल – हाड़ौती पठार।

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