पर्यायवाची शब्द
• परिभाषा– ‘पर्यायवाची’ शब्द की व्युत्पत्ति ‘पर्याय’ और ‘वाची’ शब्द से हुई है। ‘पर्याय’ का अर्थ ‘समकक्ष’ या ‘समान’ तथा ‘वाची’ का अर्थ ‘बोध कराने वाला’ होता है। अर्थात् जो शब्द अर्थ के स्तर पर समान होते हैं, ‘पर्यायवाची’ शब्द कहलाते हैं।
• भाषा में शब्द और अर्थ दोनों का अपना विशिष्ट स्थान एवं महत्त्व है। एक अर्थ के द्योतक हेतु एक शब्द विशेष होता है, परंतु भाषा-प्रयोग की दृष्टि से उस एक ही शब्द का अनेक बार प्रयोग उचित प्रतीत नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में निहितार्थ की अभिव्यक्ति हेतु उसी के समान अर्थ प्रतीति कराने वाले अन्य शब्दों का प्रयोग किया जाता है। ऐसे समानार्थी शब्द ही पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। अपनी भाषा-शैली को प्रभावी बनाने एवं एक ही शब्द की अनेक बार आवृत्ति को रोकने हेतु पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
• अर्जुन – सव्यसाची, कपिध्वज, गाण्डीवधारी, पार्थ, धनंजय, कौन्तेय।
• अमृत – सुरभोग, सुधा, सोम, अमी, देवभोज्य, पीयूष, देवाहार,
शशिरस, अमिय, समुद्रनवनीत।
• अज्ञात – अपरिचित, बेगाना, अजनबी, नावाकिफ, अनभिज्ञ, गैर,
पराया, अनजान, अजाना।
• अंधेरा – तम, अंधियारा, तमस, तिमिर, अंधकार।
• अनाज – धान, अन्न, शस्य, गल्ला, दाना, धान्य, खाद्यान्न।
• अकाल – सूखा, दुर्भिक्ष, काल।
• अनाथ – नाथहीन, यतीम, दीन, निराश्रित, बेसहारा।
• अधर – रदपुट, ओठ, रदनछद, ओष्ठ, लब।
• अचल – अविचल, स्थिर, अटल, अडिग।
• अतिथि – पाहुन, अभ्यागत, आगन्तुक, मेहमान।
• अज्ञानी – अबोध, मूर्ख, अज्ञ, जड़, नादान।
• अधीन – आश्रित, निर्भर, मातहत, पराश्रित।
• अधीर – आतुर, व्याकुल, विकल, उद्विग्न, व्यग्र।
• अनुपम – अपूर्व, अद्वितीय, अद्भुत, अतुल।
• अरण्य – जंगल, वन, कान्तार, विपिन, कानन, अटवी।
• अहं – अस्मिता, अभिमान, अहंकार, अहंभाव।
• अप्सरा – देवबाला, देवांगना, दिव्यांगना, सुरबाला।
• अचेत – मूर्च्छित, बेहोश, बेखबर, संज्ञाहीन।
• अँगूठी – अंगुलिका, मुद्रा, मुँदरी, छाप।
• अपमान – अनादर, अवमान, बेइज्जती, तिरस्कार।
• अधिकार – शक्ति, सामर्थ्य, योग्यता, अर्हता।
• अनिवार्य – जरूरी, अपरिहार्य, आवश्यक, अटल।
• अधीर – विकल, व्यग्र, आतुर, व्याकुल।
• अनुरोध – विनती, निवेदन, प्रार्थना, याचना।
• आकाश – द्यौ, व्योम, अंबर, अन्तरिक्ष, गगन, आसमान, अनन्त, तारापथ, नभ, शून्य, खगोल।
• आँख – नयन, अक्षि, दृग, लोचन, अक्ष, चश्म, नेत्र, दृष्टि, विलोचन, चक्षु।
• आँसू – नयनजल, नेत्रनीर, नेत्रवारि, अश्रु।
• आग – पावक, कृशानु, वायुसखा, अनल, दहन, अग्नि, धूमकेतु, दाहक, हव्यवाहन।
• आनंद – हर्ष, आह्लाद, उल्लास, मोद, प्रसन्नता, प्रमोद, खुशी, सुख, मज़ा।
• आदि – पहला, आदिम, प्रथम, आरंभिक, शुरू का।
• आशय – तात्पर्य, अभिप्राय, मतलब, उद्देश्य।
• आडम्बर – प्रपंच, पाखण्ड, ढोंग, ढकोसला।
• आँगन – अँगना, अजिर, प्राङ्गण।
• आत्मा – जीव, सर्वव्यापी, विभु, सर्वज्ञ।
• आज्ञा – आदेश, हुक्म, फरमान, आयसु।
• आकृति – आकार, बनावट, चेहरा-मोहरा, डील-डौल।
• आश्चर्य – अचरज, कुतूहल, अचम्भा, कौतुहल।
• आम – आम्र, रसाल, सहकार, अतिसौरभ।
• आश्रम – मठ, विहार, कुटी, अखाड़ा।
• इंद्रधनुष – सुरचाप, सुरधनु, इंद्रचाप, सप्तवर्ण।
• इन्द्र – सुरपति, देवराज, महेन्द्र, मधवा।
• इन्द्राणी – इन्द्रवधू, मधवानी, शची, शतावरी।
• इच्छुक – उत्सुक, उत्कण्ठित, अभिलाषी, लालायित।
• इच्छा – लालच, तृष्णा, कामना, वांछा, लालसा, अभिलाषा, मनोरथ।
• ईर्ष्या – मत्सर, स्पर्द्धा, कुढ़न, द्वेष।
• ईश्वर – अल्लाह, जगन्नाथ, परमात्मा, जगदीश, परमेश्वर, प्रभु, स्रष्टा, खुदा, निरंजन, रब, विभु, ब्रह्म, सच्चिदानंद, साईं, साहब, स्वयंभू, परवरदिगार।
• उत्कर्ष – समृद्धि, विकास, उठना, प्रगति, उन्नति, तरक्की, अभिवृद्धि, उन्मेष, समृद्धि, उत्थान, उन्नयन, पदोन्नति, बढ़ोतरी, श्रीवृद्धि, अभ्युदय, वृद्धि।
• उपवन – बगीचा, गुलशन, बाग़, उद्यान, वाटिका, आरामगाह।
• उषा – प्रातःकाल, अरुणोदय, छवि, अहर्मुख।
• उत्साह – उछाह, उल्लास, जोश, स्फूर्ति।
• उग्र – प्रचंड, तेज, अविनीत, भीषण, उत्कट।
• उक्ति – कथन, वचन, सूक्ति।
• उत्तम – प्रकृष्ट, प्रवर, श्रेष्ठ, अच्छा।
• उद्भव – उत्पत्ति, उद्गम, जन्म, उदय।
• उपकार – भलाई, नेकी, कल्याण, हितसाधन।
• उपासना – अर्चना, इबादत, आराधना, पूजा।
• उत्सव – समारोह, पर्व, जलसा, त्योहार।
• उत्कोच – घूस, रिश्वत।
• उच्छृंखल – उद्दण्ड, अक्खड़, आवारा।
• उचित – युक्तिसंगत, न्यायसंगत, तर्कसंगत, वाजिब, मुनासिब।
• उन्नति – विकास, उत्थान, तरक्की, उन्नयन।
• उजला – उज्ज्वल, श्वेत, सफेद, धवल।
• उजाड़ – जंगल, बियावान, वन, वीरान।
• उपहास – खिल्ली, मजाक, हँसी, मखौल।
• उजाला – प्रकाश, रोशनी, चाँदनी।
• उद्धार – मुक्ति, छुटकारा, निस्तार, रिहाई।
• ऊँट – महाग्रीव, क्रमेलक, लम्बोष्ठ, उष्ट्र।
• ऊधम – उत्पात, हुल्लड़, धमाचौकड़ी, हंगामा।
• ऋषि – मुनि, साधु, यति, संन्यासी, अवधूत, वैरागी।
• ऋद्धि – समृद्धि, संपन्नता, वृद्धि, बढ़ोतरी।
• एकत्र – समवेत, संगृहीत, पूँजीभूत, संचित।
• ऐक्य – एकत्व, एका, एकता, मेल।
• ऐश्वर्य – सम्पन्नता, वैभव, विभूति, समृद्धि।
• ओझल – अंतर्धान, गायब, तिरोभूत, लुप्त।
• ओंठ – अधर, ओष्ठ, लब, रद्पुट।
• ओज – तेज, शक्ति, बल, वीर्य।
• औचक – अचानक, यकायक, सहसा, एकाएक।
• कमल – नीरज, वारिज, अम्बुज, तोयज, पंकज, जलज, इंदीवर, उत्पल, राजीव, अरविन्द, पद्म, पुंडरीक, नलिन, सरसीरुह, सरसिज, सारंग, अब्ज, तामरस, शतदल, कुवलय, पारिजात।
• कपीश – मारुति, अंजनिपुत्र, महावीर, बजरंगबली, हनुमान, वज्रांग, पवनकुमार, केसरीनंदन, पवनसुत।
• कमला – इंदिरा, पद्मा, पद्मासना, भाग।
• कपोत – कबूतर, हारीत, रक्तलोचन, पारावत।
• कपड़ा – वस्त्र, चीर, वसन, पट।
• कली – मुकुल, कलिका, कोरक, जालक।
• कल्पवृक्ष – सुरतरु, पारिजात, कल्पद्रुम, कल्पतरु।
• कष्ट – दु:ख, वेदना, क्लेश, व्यथा, पीड़ा।
• कला – कौशल, फन, हुनर, शिल्प।
• कपट – दगा, फरेब, धोखा, छद्म, छल।
• कायर – डरपोक, भीरु, बुजदिल, कातर।
• कार्तिकेय – कुमार, षडानन, शरभव, षण्मुख।
• कारागार – कैदखाना, कारावास, जेल।
• किनारा – सिरा, तीर, कूल, बेलातट, तट, पुलिन, छोर, पर्यंत।
• किरण – अंशु, रश्मि, मरीचि, मयूख, कर, कला।
• कुमारी – कन्या, अनूढ़ा, कुँआरी, अविवाहिता।
• कुत्ता – श्वान, कुक्कुर, शुनक।
• कुबेर – धनेश, राजराज, यक्षपति, यक्षराज, धनेश्वर।
• क्रूर – बर्बर, नृशंस, निष्ठुर, निर्दय, निर्मोही।
• कृष्ण – माधव, मुरलीधर, गिरिधर, मोहन, कन्हैया, बनवारी, नंदनंदन, श्याम, वंशीधर।
• कृपा – दया, अनुग्रह, अनुकम्पा, मेहरबानी।
• कृतज्ञ – आभारी, कृतार्थ, अनुगृहीत, उपकृत।
• केला – रंम्भा, गजवसा, कदली, भानुफल, मोचा।
• कोष – निधि, खजाना, भण्डार, आकर।
• क्रोध – कोप, रोष, अमर्ष, गुस्सा, आक्रोश।
• कोयल – श्यामा, पिक, बसंत दूत, कोकिल, वनप्रिय, कलापी।
• कौआ – करटक, वायस, पिशुन, करट, काण, काग, काक, बलिपुष्ट, एकाक्ष।
• खल – पामर, कुटिल, नीच, दुष्ट, उधम, दुर्जन, धूर्त, शठ।
• खतरा – अन्देशा, भय, डर, खटका।
• खंभा – स्तूप, स्तम्भ, खंभ।
• खंजर – करवाल, असि, चंद्रहास, खड्ग, कृपाण, खाँड़ा, शमसीर, तलवार।
• खिड़की – वातायन, बारी, झरोखा, गवाक्ष, दरीचा।
• खून – रुधिर, शोणित, रक्त, लहू।
• गरीब – निर्धन, दरिद्र, कंगाल, अकिंचन, दीन।
• गरुड़ – खगेश, पन्नगारि, उरगारि, हरियान।
• गणेश – वक्रतुंड, विनायक, गजवदन, भवानीनंदन, गणपति, एकदंत, मूषकवाहन, गिरिजानंदन, गजानन, लंबोदर।
• गाय – गौ, धेनु, गौरी, भद्रा।
• गुरु – अध्यापक, व्याख्याता, शिक्षक, उपाध्याय, प्रवक्ता, आचार्य, अवबोधक।
• गुफा – कंदरा, खोह, गुहा, दरी, गह्वर।
• गृह – शाला, गेह, आलय, भवन, निकेतन, धाम, मकान, सदन, आगार, आवास, घर, वास, निवास-स्थान।
• गंगा – सुरसरि, भागीरथी, मंदाकिनी, देवनदी, जाह्नवी, देवपगा, विष्णुपदी।
• घट – घड़ा, कलश, कुम्भ, कुट।
• घटा – कादंबिनी, घनाली, घनावली, मेघमाला।
• घास – तृण, दूब, कुश, दूर्वा।
• घृत – घी, अमृत, नवनीत, हव्य।
• घोड़ा – तुरंग, बाजी, हय, घोटक, अश्व, तुरंगम, सैंधव।
• चतुर – पटु, नागर, कुशल, विज्ञ, विदग्ध, होशियार, दक्ष, निपुण, चालाक, प्रवीण।
• चरित्र – आचरण, व्यवहार, आचार, शील।
• चरण – पैर, पाद, पाँव, पग।
• चंदन – गन्धसार, मलय, गंधराज, तमाल, सर्पावास।
• चाँद – शशांक, चंद्रमा, निशाकर, कलानाथ, सुधाकर, सुधांशु, शशि, हिमांशु, राकेश, चंद्र, मयंक, इंदु, राकापति, रजनीपति, सोम, निशानाथ, तारकेश्वर।
• चाँदी – रजत, रूपा, कलधौत, जातरूप।
• चाँदनी – ज्योत्स्ना, कलानिधि, कौमुदी, उजियारी, चंद्रिका, चंद्रमरीचि, अमृतद्रव।
• छवि – शोभा, सौंदर्य, क्रांति, प्रभा।
• छतरी – छत्र, छाता, छत्ता।
• छैला – सजीला, बाँका, शौकीन।
• जल – सलिल, उदक, वारि, अम्बु, तोय, पानी, जीवन, पय, अमृत, मेघपुष्प, नीर, आब, पाथ, अप, सारंग।
• जवानी – यौवन, युवावस्था, तरुणाई।
• जगत् – संसार, जग, दुनिया, विश्व।
• जानकी – सीता, वैदेही, जनसुता, जनकतनया।
• जाँच – खोज, अन्वेषण, गवेषण, अनुसंधान, शोध।
• जीव – प्राणी, जीवन प्राण, चैतन्य, जान।
• ज़ेवर – आभूषण, अलंकार, गहना, आभरण, भूषण, मंडन, टूम।
• झरना – उत्स, स्त्रोत, प्रपात, निर्झर, प्रस्रवण।
• झंडा – पताका, निशान, वैजयंती, ध्वजा, केतन, ध्वज।
• झोपड़ी – पर्णकुटी, कुटिया, झूँपा, कुंज, छानी।
• टीका – व्याख्या, वृति, भाषांतरण, भाष्य।
• ठग – छली, धूर्त, धोखेबाज, वंचक, प्रवंचक।
• ठाँव – स्थान, जगह, ठिकाना, ठौर।
• ठिगना – बौना, वामन, नाटा।
• ढाढ़स – आश्वासन, तसल्ली, दिलासा, धीरज।
• तरकश – तूण, तूणीर, त्रोण, निषंग।
• तलवार – करवाल, चन्द्रहास, खड्ग, कृपाण, शमसीर।
• तंबू – डेरा, खेमा, वितान, कपड़कोट।
• ताँबा – रक्तधातु, ताम्रक, ताम्र, तामा।
• तारा – तारक, उडु, सितारा, नक्षत्र।
• तीर – बाण, शर, शीलीमुख, विशिख।
• तालाब – तड़ाग, पद्माकर, जलाशय, सर, पुष्कर, सरसी, ताल, सरोवर।
• तीव्र – क्षिप्र, तीक्ष्ण, पैना, प्रखर।
• तूफान – झंझा, अंधड़, झंझावत, प्रभंजन।
• तोता – शुक, सुआ, सुग्गा, दाड़िमप्रिय, कीर, रक्ततुंड।
• थकान – थकान, थकावट, श्रांति, क्लांति।
• थाती – जमापूँजी, धरोहर, अमानत।
• दानव – दैत्य, निशाचर, दनुज, रजनीचर, राक्षस, तमचर, देवरिपु, देवारि, शुक्रशिष्य, असुर।
• दास – अनुचर, नौकर, किंकर, परिचारक, सेवक, भृत्य, चाकर, परिचर, सेवादार।
• दाँत – रदन, दंत, रद, दशन, द्विज।
• दिन – दिन, दिवा, दिवस, वासर।
• दीर्घायु – चिरंजीव, दीर्घजीवी, आयुष्मान, शतायु, चिरायु।
• दुर्लभ – दुष्प्राप्य, नायाब, अलभ्य, विरल।
• दूध – पय, गोरस, स्तन्य, दुग्ध।
• दुर्गा – चण्डिका, सिंहवाहिनी, कालिका, कल्याणी।
• देह – काय, वपु, घट, काया, शरीर, गात, विग्रह।
• देवता – सुर, अमर, त्रिदश, अजर, विवुध, भगवान, देव, अमर्त्य।
• द्रौपदी – कृष्णा, द्रुपदसुता, पांचाली, याज्ञसेनी।
• धन – द्रव्य, सम्पत्ति, दौलत, विभूति।
• धनुष – धनु, शरासन, कमान, कोदंड, चाप, विशिखासन।
• धनुर्धर – धनुषधारी, धन्वी, तींरदाज, कमनैत, निषंगी।
• धूल – रज, माटी, मिट्टी, मृत्तिका।
• नया – नूतन, नव, नव्य, नवेला, अभिनव, नवीन।
• नभगंगा – स्वर्गनदी, सुरनदी, मंदाकिनी, आकाशगंगा।
• नदी – सरिता, तटिनी, आपगा, निम्नगा, तरंगिणी, वाहिनी, शैलजा।
• नारी – रमणी, स्त्री, वामा, वनिता, ललना, कामिनी, औरत, भामिनी, महिला।
• नारद – देवर्षि, बह्मपुत्र, ब्रह्मर्ष।
• निशा – रात, रैन, रजनी, निशि, विभावरी, रात्रि, यामिनी, क्षपा, निशीथ।
• निंदा – दोषारोपण, फटकार, बुराई, भर्त्सना।
• पक्षी – शंकुत, विहंग, चिड़िया, द्विज, नभचर, खग, विहग, परिन्दा, अण्डज, पखेरु, पतंग।
• पहाड़ – पर्वत, धरणीधर, नग, भूधर, महीधर, अचल, गिरि, शैल, अद्रि।
• पति – वल्लभ, भर्ता, स्वामी, नाथ।
• पवन – वायु, समीर, वात, मारुत, पवमान, बयार, अनिल, हवा।
• पशु – जानवर, चतुष्पद, मवेशी, जंतु, चौपाया।
• पत्थर – पाषाण, शिला, प्रस्तर, उपल, पाहन, अश्म।
• पत्नी – अर्द्धांगिनी, परिणीता, गृहिणी, वधू, दारा, भार्या, कलत्र, लुगाई, सहचरी, बहू, जोरु, गृहस्वामिनी, वल्लभा, बीवी, धर्मपत्नी, कांता।
• पत्ता – पर्ण, पत्र, दल, पल्लव।
• पार्वती – गिरिजा, दुर्गा, शैलसुता, अपर्णा, गौरी, शैलजा, भवानी, शिवानी।
• पिता – जनक, जनयिता, बाप, तात, पितृ।
• पुत्र – तनुज, तनय, आत्मज, लड़का, नंदन, पूत, बेटा, सुत, लाल, वत्स।
• पुत्री – तनया, लड़की, आत्मजा, नंदिनी, बेटी, सुता, तनुजा।
• पृथ्वी – वसुधा, भू, धरा, धरती, मही, धरणी, धरित्री, भूमि, वसुन्धरा, उर्वी, इला, अवनी।
• पेड़ – तरु, द्रुम, वृक्ष, पादप, रुख।
• प्रत्यक्ष – सम्मुख, साक्षात, समक्ष, सामने, दृष्टिगोचर।
• फूल – सुमन, पुहुप, कुसुम, प्रसून, पुष्प, गुल।
• बहुत – प्रचुर, अति, पर्याप्त, प्रभूत, अमित, अत्यंत।
• बरसात – पावस, बारिश, वर्षा, वृष्टि, वर्षण।
• बसन्त – मधुमास, कुसुमाकर, माधव, पिकमित्र, ऋतुराज ।
• बाण – पत्री, सायक, नाराच, शर, विशिख, शिलीमुख, तीर, आशुग।
• बादल – वारिद, तोयधर, अम्बुद, तोयद, अम्बुधर, घनश्याम, मेघ, जलद, पयोधर, जलधर, नीरद, घन, पर्जन्य।
• बिजली – विद्युत, सौदामिनी, तड़ित, दामिनी, चपला, बीजुरी, क्षणप्रभा।
• बुढ़ापा – जरा, जीर्णावस्था, वृद्धावस्था, वृद्धत्व।
• ब्रह्मा – लोकेश, हिरण्यगर्भ, आत्मभू, विधि, स्रष्टा, विरंचि, नाभिज, विधाता, चतुरानन, प्रजापति।
• ब्राह्मण – अग्रजन्मा, भूदेव, भूसुर, द्विज, विप्र, महीदेव।
• भाई – भ्राता, भैया, सहोदर, बंधु, सगर्भा, सजाता।
• भूखा – भुक्खड़, क्षुधार्ता, बुभुक्षित, क्षुधातुर।
• महेश – त्रिपुरारि, कैलासपति, मदनारि, शिव।
• मनीषी – चिन्तक, प्राज्ञ, पण्डित, विद्वान, विचारक।
• मयूर – शिखी, केकी, कलापी, ध्वजी, नीलकण्ठ, शिखण्डी, शिव-सुत-वाहन।
• मनोज – काम, मन्मथ, मनसिज, मदन, रतिपति, अनंग, कंदर्प, कामदेव, पंचशर।
• मार्ग – पथ, पंथ, राह, रास्ता, बाट, मग।
• माता – माँ, जन्मदायिनी, प्रसू, अंबा, जननी।
• मेंढक – मंडूक, भेक, वर्षाभू, दादुर, शातूर, दर्दुर।
• मैला – अस्वच्छ, अशुचि, अपवित्र, गन्दा।
• यम – यमराज, कृतांत, रविसुत, धर्मराज।
• युद्ध – समर, रण, संग्राम, विग्रह।
• युवती – सुन्दरी, श्यामा, किशोरी, तरुणी।
• रंक – दरिद्र, निर्धन, अकिंचन, कंगाल, धनहीन।
• रावण – दशानन, लंकेश, लंकापति, दशशीश।
• राधिका – राधा, ब्रजरानी, हरिप्रिया, वृषभानुजा।
• राजा – भूमिपति, भूपति, राव, नृप, भूप, सम्राट नृपति, नरेश, नरेन्द्र, भूपाल, महीप, शासक।
• रोगी – रोगग्रस्त, व्याधिग्रस्त, रुग्ण, अस्वस्थ।
• लहर – तरंग, ऊर्मि, वीचि।
• लता – वल्लरी, बल्ली, बेली, बेल।
• लौह – लोहा, अयस, सार।
• वन – जंगल, अरण्य, विपिन, अटवी, कानन।
• वर्ष – वत्सर, साल, बरस, अब्द।
• वियोग – विरह, विप्रलंभ, बिछोह, जुदाई।
• विष – गरल, ज़हर, हलाहल, कालकूट।
• विष्णु – नारायण, चक्रपाणि, अच्युत, गोविंद, जनार्दन, चतुर्भुज, मधुरिपु, शेषशायी, लक्ष्मीपति, गरुड़ध्वज, दामोदर, मुकुंद, विट्ठल, हरि, वनमाली, उपेंद्र।
• शराब – मदिरा, हलिप्रिया, हाला, वीरा, अमृता, मद्य।
• शहद – पुष्पासव, मकरंद, पुष्परस, मधु।
• शिकारी – लुब्धक, व्याध, बहेलिया, आखेटक।
• शिव – शंकर, महादेव, पशुपति, महेश्वर, त्रिलोचन, आशुतोष, गिरीश, कैलाशपति, नीलकंठ, शम्भू, त्रिनयन, रूद्र, चन्द्रशेखर।
• शिष्ट – विनीत, सुसंस्कृत, सुशील, सभ्य।
• शुभ्र – गौर, धवल, श्वेत, सफ़ेद, अवदात, शुक्ल, वलक्ष।
• शेर – केहरि, केशरी, वनराज, सिंह।
• शोभा – सुन्दरता, सौन्दर्य, छटा, मनोहरता।
• समुद्र – नीरधि, सागर, वारिधि, रत्नाकर, जलधि, नदीश, पारावार, सिंधु, पयोनिधि, वारीश, जलधाम, अंबुधि, उदधि, वरुणालय।
• समूह – मंडली, गण, टोली, वर्ग, दल, वृंद, समुदाय, निकाय।
• सहेली – सखी, आली, सहचरी, सजनी, सैरंध्री।
• सभा – अधिवेशन, परिषद्, बैठक, महासभा।
• सर्प – अहि, नाग, भुजंग, विषधर, व्याल।
• संपूर्ण – सब, पूरा, पूर्ण, निखिल।
• संध्या – सायंकाल, गोधूलि, दिवावसान, निशारंभ, दिनांत, दिवसावसान।
• सुगन्ध – इष्टगन्ध, घ्राण, सुरभि, सुवास।
• सूर्य – दिनकर, हरि, दिवाकर, प्रभाकर, आदित्य, मार्तंड, सविता, अर्क, भानु, भास्कर, पतंग, दिनेश, सूरज।
• सेना – कटक, दल, चमू, फौज, वाहिनी, अनी, सेना, अनीक, सैन्य।
• सेविका – दासी, नौकरानी, अनुचरी, भृत्या।
• सोना – हाटक, कनक, स्वर्ण, हिरण्य, कंचन, हेम।
• हाथी – कुंजर, दंती, हस्ती, मतंग, करी, नाज्ञ, सिंधुर, गज, कुंभी।
• हृदय – उर, छाती, वक्ष, हिय।