राजस्थान के प्रमुख त्योहार

राजस्थान के प्रमुख त्योहार हिन्दू समाज के त्योहार राष्ट्रीय पंचांग ● भारत का राष्ट्रीय पंचांग ‘शक संवत्’ पर आधारित है। ● …

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राजस्थान की छतरियाँ

राजस्थान की छतरियाँ  जसवंतथड़ा ● उपनाम – राजस्थान का ताजमहल। ● महाराजा जसवंतसिंह-द्वितीय की स्मृति में उनके पुत्र महाराजा सरदारसिंह द्वारा 1899 ई. …

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राजस्थान की बावड़ियाँ

राजस्थान की बावड़ियाँ रानीजी की बावड़ी ● बूँदी जिले में स्थित यह बावड़ी बावड़ियों का सिरमौर है। ●  इस बावड़ी का निर्माण राव …

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राजस्थान की हवेलियाँ

राजस्थान की हवेलियाँ ● राजस्थान में जैसलमेर को ‘हवेलियों का शहर’ तथा बीकानेर को ‘हजार हवेलियों का शहर’ कहा जाता …

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राजस्थान के मंदिर

राजस्थान के मंदिर मौर्यकालीन● नगरी, चित्तौड़गढ़ – विष्णु मंदिरों के अवशेष● बैराठ, जयपुर – बौद्धधर्म के मठ, चैत्य एवं स्तूप ● नोह, …

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राजस्थान के महल

जयपुर आमेर का महल ●       आमेर की मावठा झील के पास की पहाड़ी पर स्थित महल, जिसे कच्छवाहा नरेश मानसिंह प्रथम द्वारा 1592  ई. में बनाया गया था। ●       यह महल हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य शैली का समन्वित रूप है। ●       महल के मुख्य प्रवेश द्वार में प्रवेश करते ही राजपूत-मुगल शैली पर बना ‘दीवान-ए-आम’ है जो चारों ओर से लाल पत्थरों के खम्भों की दोहरी पंक्तियों से युक्त बरामदों से घिरा हैं। ●       इस विशाल द्वार को फर्ग्यूसन ने संसार का सर्वोत्कृष्ट प्रवेश द्वार बताया है। शीशमहल ● निर्माता – मिर्जा राजा जयसिंह। ● अन्य नाम – ‘दीवाने खास’, ‘जयमन्दिर’। ● यह भीतरी दीवारों पर शीशे की जड़ाई के सुन्दर व बारीक काम के कारण यह ‘शीशमहल’ के नाम से प्रसिद्ध है। ● यह भवन दो मंजिला है भूतल पर बना जयमंदिर कहलाता है तथा प्रथम मंजिल पर बने भवन को जसमंदिर कहा जाता है। ● दीवान-ए-खास (शीश महल) में राजा अपने खास मेहमानों तथा दूसरे देशों के राजदूतों से मिलते थे। ● कवि बिहारी ने शीशमहल को ‘दर्पण धाम’ कहा। ● इसके सामने ‘बुखारा उद्यान’ स्थित है। ● 12 रानियों का महल शीशमहल के निकट ही आमेर दुर्ग में स्थित है। …

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