राजस्थान के प्रमुख लोक नृत्य
राजस्थान के प्रमुख लोक नृत्य ● राजस्थान एक भौगालिक विविधता वाला प्रदेश है। इस विविधता ने नृत्य को भी विविधता …
राजस्थान के प्रमुख लोक नृत्य ● राजस्थान एक भौगालिक विविधता वाला प्रदेश है। इस विविधता ने नृत्य को भी विविधता …
राजस्थान के प्रमुख लोक नाट्य/नाटक ● सामंतवादी काल के दौरान लोकनाट्यों को राजकीय संरक्षण मिला जिससे वे विकसित हुए। ● …
राजस्थान की लोक गायन शैलियाँ (क) माण्ड गायिकी ● 10वीं सदी में जैसलमेर क्षेत्र को माण्ड कहा जाता था तथा इस क्षेत्र …
राजस्थान के प्रमुख त्योहार हिन्दू समाज के त्योहार राष्ट्रीय पंचांग ● भारत का राष्ट्रीय पंचांग ‘शक संवत्’ पर आधारित है। ● …
राजस्थान के प्रमुख मेले ● एक स्थान विशेष पर जनसमूह का मिलना और उत्सवों का मनाना। लोक जीवन पूरी सक्रियता …
राजस्थान की छतरियाँ जसवंतथड़ा ● उपनाम – राजस्थान का ताजमहल। ● महाराजा जसवंतसिंह-द्वितीय की स्मृति में उनके पुत्र महाराजा सरदारसिंह द्वारा 1899 ई. …
राजस्थान की बावड़ियाँ रानीजी की बावड़ी ● बूँदी जिले में स्थित यह बावड़ी बावड़ियों का सिरमौर है। ● इस बावड़ी का निर्माण राव …
राजस्थान की हवेलियाँ ● राजस्थान में जैसलमेर को ‘हवेलियों का शहर’ तथा बीकानेर को ‘हजार हवेलियों का शहर’ कहा जाता …
राजस्थान के मंदिर मौर्यकालीन● नगरी, चित्तौड़गढ़ – विष्णु मंदिरों के अवशेष● बैराठ, जयपुर – बौद्धधर्म के मठ, चैत्य एवं स्तूप ● नोह, …
जयपुर आमेर का महल ● आमेर की मावठा झील के पास की पहाड़ी पर स्थित महल, जिसे कच्छवाहा नरेश मानसिंह प्रथम द्वारा 1592 ई. में बनाया गया था। ● यह महल हिन्दू-मुस्लिम स्थापत्य शैली का समन्वित रूप है। ● महल के मुख्य प्रवेश द्वार में प्रवेश करते ही राजपूत-मुगल शैली पर बना ‘दीवान-ए-आम’ है जो चारों ओर से लाल पत्थरों के खम्भों की दोहरी पंक्तियों से युक्त बरामदों से घिरा हैं। ● इस विशाल द्वार को फर्ग्यूसन ने संसार का सर्वोत्कृष्ट प्रवेश द्वार बताया है। शीशमहल ● निर्माता – मिर्जा राजा जयसिंह। ● अन्य नाम – ‘दीवाने खास’, ‘जयमन्दिर’। ● यह भीतरी दीवारों पर शीशे की जड़ाई के सुन्दर व बारीक काम के कारण यह ‘शीशमहल’ के नाम से प्रसिद्ध है। ● यह भवन दो मंजिला है भूतल पर बना जयमंदिर कहलाता है तथा प्रथम मंजिल पर बने भवन को जसमंदिर कहा जाता है। ● दीवान-ए-खास (शीश महल) में राजा अपने खास मेहमानों तथा दूसरे देशों के राजदूतों से मिलते थे। ● कवि बिहारी ने शीशमहल को ‘दर्पण धाम’ कहा। ● इसके सामने ‘बुखारा उद्यान’ स्थित है। ● 12 रानियों का महल शीशमहल के निकट ही आमेर दुर्ग में स्थित है। …