पर्यावरणीय मुद्दे
पर्यावरणीय मुद्दे पर्यावरण प्रदूषण – मानव सभ्यता के विकास के साथ उसकी आवश्यकताओं का भी विस्तार हुआ। तेजी से बढ़ती हुई आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मनुष्य ने प्राकृतिक संसाधनों का दोहन शुरू किया। – औद्योगिक एवं तकनीकी विकास जैसे हथियारों के सहारे मानव ने अपनी स्वार्थी प्रकृति और जनसंख्या के दबाव में प्रकृति का अनियन्त्रित दोहन किया। – हर बड़े नगर के साथ औद्योगिक क्षेत्र का विकास हुआ और इन उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के बढ़ने से पर्यावरणीय प्रदूषण नामक समस्या का जन्म हुआ। प्रदूषण का अर्थ एवं परिभाषा – “वायु, जल एवं मृदा के भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणों में होने वाला ऐसा अवांछित परिवर्तन जो मनुष्य के साथ ही सम्पूर्ण परिवेश के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक तत्त्वों को हानि पहुँचाता है, प्रदूषण कहलाता है।” प्रदूषक-वे पदार्थ जो प्रदूषण के लिए …