पर्यावरणीय मुद्दे

पर्यावरणीय मुद्दे पर्यावरण प्रदूषण – मानव सभ्यता के विकास के साथ उसकी आवश्यकताओं का भी विस्तार हुआ। तेजी से बढ़ती हुई आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु मनुष्य ने प्राकृतिक संसाधनों का दोहन शुरू किया। –  औद्योगिक एवं तकनीकी विकास जैसे हथियारों के सहारे मानव ने अपनी स्वार्थी प्रकृति और जनसंख्या के दबाव में प्रकृति का अनियन्त्रित दोहन किया। –  हर बड़े नगर के साथ औद्योगिक क्षेत्र का विकास हुआ और इन उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों के बढ़ने से पर्यावरणीय प्रदूषण नामक समस्या का जन्म हुआ। प्रदूषण का अर्थ एवं परिभाषा – “वायु, जल एवं मृदा के भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणों में होने वाला ऐसा अवांछित परिवर्तन जो मनुष्य के साथ ही सम्पूर्ण परिवेश के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक तत्त्वों को हानि पहुँचाता है, प्रदूषण कहलाता है।”  प्रदूषक-वे पदार्थ जो प्रदूषण के लिए …

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पारिस्थितिकी और पर्यावरण

पारिस्थितिकी और पर्यावरण पारिस्थितिकी:- – जीवों के पारस्परिक तथा वातावरण के साथ उनके संबंधों के वैज्ञानिक अध्ययन को पारिस्थितिकी कहते हैं। – सर्वप्रथम Ecology शब्द का प्रयोग जर्मन वैज्ञानिक अर्नेस्ट हेकेल द्वारा किया गया। – वर्तमान समय में पारिस्थितिकी को व्यापक अर्थों में परिभाषित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत न केवल पौधों एवं जंतुओं तथा उनके पर्यावरण के बीच अन्तर्संबंधों का अध्ययन किया जाता है। – रामदेव मिश्रा को ‘भारतीय पारिस्थितिकी का जनक’ कहा जाता है। पारिस्थितिकी तंत्र:- – पारितंत्र या पारिस्थितिकी तंत्र की संकल्पना का प्रतिपादन सर्वप्रथम 1935 …

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पादप कार्यिकी

पादप कार्यिकी  परासरण (Osmosis) या परासरणीय विसरण (Osmotic Diffusion)– – जब दो विभिन्न सान्द्रता वाले विलयनों को अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली के द्वारा पृथक् कर दिया जाता है तब विलायक का कम सान्द्रता वाले विलयन से अधिक सान्द्रता वाले विलयन की तरफ अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली से होकर जाना, परासरण (Osmosis) कहलाता है। – अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली के द्वारा (H2O) विलायक का अपनी अधिक सान्द्रता से कम सान्द्रता की ओर जाना परासरण कहलाता है। – परासरण के अंतर्गत जब कोशिका में जल का प्रवेश होता है तो इसे अन्त:परासरण (Endosmosis) कहते हैं (किशमिश का पानी में फूलना) तथा जब कोशिका से जल बाहर निकलता है तो इसे परासरण (Exomosis) …

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Genetics (आनुवंशिकी)

आनुवंशिकी मेण्डल के आनुवंशिकता के नियम – आम के वृक्ष के बीज अंकुरित होकर आम के पौधे को जन्म देते हैं और कुत्तों से पिल्ले ही पैदा होते हैं न कि किसी अन्य जन्तु के बच्चे। मनुष्य मनुष्य को ही जन्म देते हैं। संतति की इस प्रवृत्ति को, जिसमें वे अपने जनकों के ही गुण या लक्षण प्राप्त करते हैं उसे आनुवंशिकता या हेरिडिटी (Heredity) कहते हैं। जिस विज्ञान में आनुवंशिकता तथा जनकों और इनकी संतति के बीच विविधता का अध्ययन करते हैं उसे आनुवंशिकी (जेनेटिक्स, Genetics) कहते हैं। – आनुवंशिकी विज्ञान का आरम्भ सन् 1900 में हुआ, जब मेण्डल के नियमों की पुनः खोज हुई। आनुवंशिकी (Genetics) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम विलियम बेटसन (William Bateson) ने सन् …

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कोशिका एवं कोशिका विभाजन: जीव विज्ञान की मूलभूत इकाइयाँ और उनके क्रियाकलाप (Cell and cell division: their functions)

कोशिका एवं कोशिका विभाजन – समस्त जीव कोशिकाओं के बने हैं। पेड़ों या जानवरों की सभी जीवन क्रियाएँ कोशिकाओं द्वारा …

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पौधों की वर्गिकी और वर्गीकरण (Taxonomy and classification of plants)

पौधों की वर्गिकी और वर्गीकरण – थियोफ्रेस्टस (370-285 B.C.) ने पादप वर्गिकी (Plant Taxonomy) की नींव रखी। थियोफ्रेस्टस ग्रीक दर्शनशास्त्री प्लेटो व अरस्तू का विद्यार्थी था। थियोफ्रेस्टस ने पौधों की प्रकृति (Habit) के आधार पर निम्नलिखित समूहों में विभाजित किया– 1. वृक्ष   2. क्षुप  3. …

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