B.Sc. (Hons) Ag. Ist year II-Semester Old papers VIth DEANS’ COMMITTEE New
Ist year II-Semester VIth DEANS HORT-121 Post Harvest ProcessingTechnology VIth DEANS PPATH-121 Production Technology of BioAgent VIth DEANS PPATH-122 Fundamentals …
Ist year II-Semester VIth DEANS HORT-121 Post Harvest ProcessingTechnology VIth DEANS PPATH-121 Production Technology of BioAgent VIth DEANS PPATH-122 Fundamentals …
ENTO-321 Management of Beneficial Insects (Old paper)
AGINFO-111 Agri-Informatics (Old paper) 2022-23
जंतुओं में पोषण पोषण– जीवों में पोषक पदार्थों को प्राप्त करना ही पोषण कहलाता है। पोषण जीवों को ऊर्जा प्रदान करने, शारीरिक वृद्धि एवं विकास में, रोगों से सुरक्षा में, शारीरिक मरम्मत में तथा उपापचयी क्रियाओं में सहायक है। पोषण की विधि के आधार पर जीव दो प्रकार के होते हैं- (1) स्वपोषी (2) विषमपोषी स्वपोषी:- – ऐसे जीव, जो अपना भोजन स्वयं ही संश्लेषित करते हैं,जिसे स्वपोषी कहते है। – हरे पेड-पौधे, प्रकाश संश्लेषी जीवाणु, रसायन संश्लेषी जीवाणु, …
पुष्पीय पौधों में लैंगिक जनन पुष्प (Flower) पुष्प की परिभाषा:- – “पुष्प एक विशिष्ट संघनित प्ररोह या शाखा है जो विशेष रूप …
पौधों की वर्गिकी और वर्गीकरण – थियोफ्रेस्टस (370-285 B.C.) ने पादप वर्गिकी (Plant Taxonomy) की नींव रखी। थियोफ्रेस्टस ग्रीक दर्शनशास्त्री प्लेटो व अरस्तू का विद्यार्थी था। थियोफ्रेस्टस ने पौधों की प्रकृति (Habit) के आधार पर निम्नलिखित समूहों में विभाजित किया– 1. वृक्ष 2. क्षुप 3. …