मुर्गियों की नस्लों का विवरण Description of breeds of chickens

मुर्गियों की नस्लों का विवरण

– ICAR – राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, (NBAGR) के अनुसार भारत में मुर्गियों की कुल 19 नस्लें पंजीकृत हैं।

1.AnkaleshwarGujarat
2.AseelChhattisgarh, Orissa and Andhra Pradesh
3.BusraGujarat and Maharashtra
4.ChittagongMeghalaya and Tripura
5.DankiAndhra Pradesh
6.DaothigirAssam
7.GhagusAndhra Pradesh and Karnataka
8.Harringhata BlackWest Bengal
9.KadaknathMadhya Pradesh
10.KalasthiAndhra Pradesh
11.Kashmir FavorollaJammu and Kashmir
12.MiriAssam
13.NicobariAndaman & Nicobar
14.Punjab BrownPunjab and Haryana
15.TellicheryKerala
16.MewariRajasthan
17.KaunayenManipur
18.HansliOdisha
19.UttaraUttarakhand

– राजस्थान की मेवाड़ी एकमात्र मुर्गी की नस्ल है।

– ब्रायलर – मांस उत्पादन के लिए पाला जाना।

– लेयर – अण्डे उत्पादन के लिए पाला जाना।

– पोल्ट्री – मुर्गियों अथवा बत्तखों का समूह।

Poultry Classification

1.  जगत (Kingdom) – जन्तु जगत (Animalia)

2.  संघ (Phylum) – र्कोडेटा (Cordata)

3.  वर्ग (Class) – एविस

4.  गण (Order) – गेलिफोर्मस

5.  कुल (Family) – फैशिनीडी

6.  वंश (Genus) – गेलस डोमेस्टीकस

          Terminology

1.  कोक (Cock) – मुर्गी का वयस्क नर (Adult male)

2.  लेयर हेन – मुर्गी की वयस्क मादा (Adult Female)

3.  Cockra – fowl की Young male

4.  पुलेट – Fowl का Young Female

5.  चिक (Chick) – पोल्ट्री का बच्चा

6.  केपोन (Capon) बंधियाकृत मुर्गा

7.  मेटिंग (Mating) – मुर्गी में प्रसव की प्रक्रिया

8.  फ्लोक (Flock) – मुर्गों का झुण्ड (Group)

9.  मुर्गे में गुणसूत्रों की संख्या – 78

10.  Gallus Domesticus – पोल्ट्री का वैज्ञानिक नाम

11.  Gallus – पोल्ट्री का वंश (Genus)

12.  Phasianidae – पोल्ट्री की फैमेली

13.  Galliforms – पोल्ट्री का गण (Order)

14.  ऐविस – पोल्ट्री का वर्ग (Class)

Poultry Breeds (वर्गीकरण)
American Breeds(अमेरिकन नस्लें)Mediteranean Breeds(भूमध्यसागरीय नस्लें)English Breeds(इंग्लिश नस्लें)Asiatic Breeds(एशियाई नस्लें)
– द्विकाजी नस्लें (अण्डा उत्पादन तथा मांस उत्पादन)।- जर्सी ब्लैक जीआंट मुर्गियों में सबसे भारी नस्ल है।- अण्डे का रंग भूरा– अण्डे उत्पादन वाली नस्लें- अण्डे का रंग सफेद- विश्व में सबसे ज्यादा अण्डे देने वाली मुर्गी लेगहॉर्न– इन सब नस्लों को table bird कहते हैं।- मुख्यतया मांस उत्पादन के लिए पाली जाती है।- सबसे ज्यादा मांस उत्पादन वाली नस्ल कॉर्निश।- अण्डे का रंग भूरा।– मांस उत्पादन (ब्रायलर)- अण्डे का रंग भूरा 
Special Note à♦ कड़कनाथ नस्ल विश्व की सबसे हल्की नस्ल।♦ चाल के लिए प्रसिद्ध तथा लड़ाकू नस्ल एसिल नस्ल।♦ काले मांस तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली नस्ल कड़कनाथ नस्ल।♦ राजस्थान की एकमात्र पंजीकृत नस्ल मेवाड़ी नस्ल।

¨ मुर्गियों में उत्पत्ति के अनुसार छह वर्गों में इनका वर्गीकरण किया गया है-

1. देशी/भारतीय नस्लें – यह नस्लें भारत में पाई जाती हैं जो निम्नलिखित हैं-

 i. असील

 ii. बुसरा

 iii. चितागेंग

 iv. घाघस

        2. एशियाई वर्ग – ब्रह्मा, कोचीन, लैंगशन

       . इंग्लिश वर्ग – डोर्किंग, आर्पिंगटन, ससेक्स, ऑस्ट्रोलोप, रेडकैप, कोर्निश

4. अमेरिकन वर्ग –

– प्लाईमाउथ रॉक, रोड आइसलैण्ड रेड, न्यूहैम्प शायर, वायन्डाड।

– Plymeth rock, rod Iceland red, Newhamp shayar, Whyndad

5. भूमध्यसागरीय (Meditarin) :-

 B – Blue andalucian (ब्ल्यू अंडालुसियन)

 A – Ancova (एन्कोवा)

 L – Leghorn (लैगहॉर्न)

           M – Minorca (मिनोरका)

6. पोलिश वर्ग – पोलिश  

● रोड आइसलैण्ड रेड मुर्गी :-

– यह अमेरिकन वर्ग की मुर्गी है।

– इनका मूल स्थान अमेरिका में रोड आइसलैण्ड है।

– यह नस्ल लैगहॉर्न व मलायगेम के संकरण से उत्पन्न मानी जाती है।

– मलायगेम+लैगहॉर्न – संकरण (Rod Iceland Red)

– यह मुर्गी लम्बी, चौड़ी होती है व इसका शरीर आयताकार होता है।

– इनके पंखों का रंग गहरा लाल-भूरा होता है।

– इस मुर्गी में कलंगी (Comb) व वाटल्स (गलचर्म) का रंग गहरा लाल होता है।

– इसमें एकल कलंगी होती है।

– इस मुर्गी में पैर व पंजे पीले रंग के होते हैं।

– यह मांस उत्पादन के लिए मुख्यतया पाली जाती है।

– इनमें मुर्गों का सामान्य भार 3.5kg व मुर्गियों का भार 3 kg होता है।

– इस मुर्गी के अण्डों का रंग गहरा भूरा होता है। यह दवाई उत्पादन में उपयोगी होती है।

● व्हाइट लैगहॉर्न मुर्गी :-

– यह भूमध्यसागरीय (मेडेटेरियन) वर्ग की मुर्गी है।

– इनका मूल स्थान इटली है।

– यह मुर्गी सफेद रंग की होती है। इसमें वाटल्स (गलचर्म) व कलंगी का रंग लाल होता है व इसके पैर पीले रंग के होते हैं।

– यह दिखने में सबसे आकर्षक मुर्गी होती है।

– यह छोटे या मध्यम आकार की मुर्गी होती है।

– इनकी टांगें पंखरहित होती हैं।

– यह नस्ल अण्डे देने में उत्तम होती है। यह एक वर्ष में लगभग 240 अण्डे देती है।

– इस नस्ल का संकरण करके कई नई प्रजातियाँ उत्पन्न की गई हैं जो एक वर्ष में 300-400 अण्डे देती हैं।

● रेड कोर्निस मुर्गी :-

– यह संकर नस्ल है जो असील व मलायगेम नस्लों के संकरण से इंग्लैण्ड में विकसित की गई।

– यह एक लड़ाकू मुर्गा होता है।

– इस मुर्गी में कलंगी मटर के दाने जितनी छोटी होती है जो सामान्यतया नहीं दिखती है।

– इस मुर्गी में वाटल्स (गलचर्म) अनुपस्थित होता है।

– यह मुर्गी मांस के लिए पाली जाती है।

– इसमें चोंच व पैरों का रंग पीला होता है।

– इस नस्ल में आँखों के चारों तरफ वलय (रिंग) पाई जाती है जो हल्के लाल रंग की होती है।

– इस मुर्गी में पंखों के भीतर शरीर का रंग पीला होता है व मुँह-गर्दन के आसपास काला-भूरा रंग होता है।

● प्लाईमाउथ रॉक मुर्गी :-

– यह अमेरिकन वर्ग का मुर्गा है।

– इस मुर्गे में कलंगी व वाटल्स (गलचर्म) लाल रंग के होते हैं तथा इनके पैर सफेद व लम्बे होते हैं।

– इस नस्ल की मादा मुर्गियों में पैरों पर (shank) टखना काले धब्बे होते हैं।

– इसमें त्वचा का रंग (पंखों का रंग) काला व सफेद (ग्रे) रंग होता है।

– यह नस्ल उत्तम कोटि के मांस के लिए प्रसिद्ध है।

– व्यापारिक दृष्टि से यह अत्यंत उपयोगी है।

– इनमें मुर्गे का भार लगभग 4.3 kg व मुर्गी का भार 3.4 kg तक होता है।

¨ उपयोगिता के आधार पर मुर्गियों का वर्गीकरण :-

1. अण्डा उत्पादन की प्रजातियाँ :- मिनोरका, एन्कोवा, व्हाइट लैगहॉर्न

 Tricks – मावा (MAW)

2. मांस उत्पादन की प्रजातियाँ :- ब्रह्मा, लैंगसन, ससेक्स, असील

3. द्विउद्देश्य नस्लें :- मुर्गियाँ, जिनमें अण्डा व मांस द्विउद्देश्य नस्लें कहलाती हैं।

 जैसे – न्यूहैम्पशायर, डॉर्किंग, ऑस्ट्रेलोप, रोड आइसलैण्ड रेड, प्लाईमाउथ रॉक

 Tricks – DNA (Double), R.P. (रुद्रप्रताप)

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