वाक्यांश के लिए एक शब्द: आसान गाइड और उदाहरण (Vakyaansh ke liye Ek Shabd)

वाक्यांश के लिए एक शब्द: आसान गाइड और उदाहरण - Vakyaansh ke liye Ek Shabd

अच्छी रचना के लिए आवश्यक है कि कम से कम शब्दों में विचार प्रकट किए जाएँ। भाषा में यह सुविधा भी होनी चाहिए कि वक्ता या लेखक कम से कम शब्दों में अर्थात्सं क्षेप में बोलकर या लिखकर विचार अभिव्यक्त कर सके। कम से कम शब्दों में अधिकाधिक अर्थ को प्रकट करने के लिए ‘वाक्यांश या शब्द-समूह के लिए एक शब्द’ का विस्तृत ज्ञान होना आवश्यक है। ऐसे शब्दों के प्रयोग से वाक्य-रचना में संक्षिप्तता, सुन्दरता तथा गंभीरता आ जाती है।

कुछ वाक्य जिनका एक शब्द नीचे दिए गए है।

  1. हाथी हाँकने का छोटा भाला- अंकुश
  2. जो कहा न जा सके- अकथनीय
  3. जिसे क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य
  4. जिस स्थान पर कोई न जा सके- अगम्य
  5. जो कभी बूढ़ा न हो- अजर
  6. जिसका कोई शत्रु न हो-अजातशत्रु
  7. जो जीता न जा सके- अजेय
  8. जो दिखाई न पड़े – अदृश्य
  9. जिसके समान कोई न हो- अद्वितीय
  10. हृदय की बातें जानने वाला- अन्तर्यामी
  11. पृथ्वी, ग्रहों और तारों आदि का स्थान- अन्तरिक्ष
  12. दोपहर बाद का समय – अपराह्न
  13. जो सामान्य नियम के विरुद्ध हो- अपवाद
  14. जिस पर मुकदमा चल रहा हो/अपराध करने का आरोप हो/अभियोग लगाया गया हो- अभियुक्त
  15. जो पहले कभी नहीं हुआ- अभूतपूर्व
  16. फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार-अस्त्र
  17. जिसकी गिनती न हो सके- अगणित/अगणनीय
  18. जो पहले पढ़ा हुआ न हो- अपठित
  19. जिसके आने की तिथि निश्चित न हो- अतिथि
  20. कमर के नीचे पहने जाने वाला वस्त्र- अधोवस्त्र
  21. जिसके बारे में कोई निश्चय न हो- अनिश्चित
  22. जिसका भाषा द्वारा वर्णन असंभव हो- अनिर्वचनीय
  23. अत्यधिक बढ़ा-चढ़ा कर कही गई बात – अतिशयोक्ति
  24. सबसे आगे रहने वाला- अग्रणी
  25. जो पहले जन्मा हो-अग्रज
  26. जो बाद में जन्मा हो- अनुज
  27. जो इंद्रियों द्वारा न जाना जा सके- अगोचर
  28. जिसका पता न हो- अज्ञात
  29. आगे आने वाला- आगामी
  30. अण्डे से जन्म लेने वाला- अण्डज
  31. जो छूने योग्य न हो- अछूत
  32. जो छुआ न गया हो- अछूता
  33. जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके- अच्युत
  34. जो अपनी बात से टले नहीं- अटल
  35. जिस पुस्तक में आठ अध्याय हों- अष्टाध्यायी
  36. आवश्यकता से अधिक बरसात- अतिवृष्टि
  37. बरसात बिल्कुल न होना- अनावृष्टि
  38. बहुत कम बरसात होना- अल्पवृष्टि
  39. इंद्रियों की पहुँच से बाहर- अतीन्द्रिय/इंद्रयातीत
  40. सीमा का अनुचित उल्लंघन- अतिक्रमण
  41. जो बीत गया हो-अतीत
  42. जिसकी गहराई का पता न लग सके- अथाह
  43. आगे का विचार न कर सकने वाला- अदूरदर्शी
  44. जो आज तक से सम्बन्ध रखता है-अद्यतन
  45. आदेश जो निश्चित अवधि तक लागू हो- अध्यादेश
  46. जिस पर किसी ने अधिकार कर लिया हो- अधिकृत
  47. वह सूचना जो सरकार की ओर से जारी हो- अधिसूचना
  48. विधायिका द्वारा स्वीकृत नियम- अधिनियम
  49. अविवाहित महिला- अनूढ़ा
  50. वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो-अध्यूढ़ा
  51. दूसरे की विवाहित स्त्री- अन्योढ़ा
  52. गुरु के पास रहकर पढ़ने वाला- अन्तेवासी
  53. पहाड़ के ऊपर की समतल जमीन- अधित्यका
  54. राजभवन में रानियों के रहने का स्थान – अंत: पुर (रनिवास)
  55. जिसके पास कुछ भी न हो – अकिंचन
  56. जिसका जन्म पहले हुआ हो – अग्रज
  57. जिसका कोई शत्रु न जन्मा हो – अजातशत्रु
  58. जिसके आने की तिथि ज्ञात न हो – अतिथि
  59. कोई बात जो बढ़ा-चढ़ाकर कही गई हो – अतिशयोक्ति
  60. जिसका अनुभव इन्द्रियों द्वारा न हो सकता हो – अगोचर (अतीद्रिय)
  61. पर्वत के ऊपर की समतल भूमि – अधित्यका
  62. राज्य के प्रधान शासक द्वारा दिया आधिकारिक आदेश – अध्यादेश
  63. कनिष्ठा और मध्यमा के बीच की उँगली – अनामिका
  64. जिसे बुलाया न गया हो – अनाहत
  65. जिसका मन किसी दूसरी ओर लगा हो – अन्यमनस्क
  66. दोपहर के बाद का समय – अपराह्न
  67. जो स्त्री सूर्य भी नहीं देख पाती – असूर्यपश्या
  68. अतिथि की सेवा करने वाला – आतिथेय
  69. पैर से लेकर सिर तक – आपादमस्तक
  70. आशा से बहुत अधिक – आशातीत
  71. इंद्रियों को वश में रखने वाला – इंद्रियजित
  72. इंद्रियों पर किया जाने वाला वश – इंद्रियनिग्रह
  73. जो इंद्रियों की पहुँच से बाहर हो – इंद्रियातीत
  74. ऊपर की ओर उछाला या फेंका हुआ – उत्क्षिप्त
  75. पर्वत के पास की भूमि – उपत्यका
  76. जिस भूमि में कुछ उत्पन्न न होता हो – ऊसर
  77. अपनी विवाहिता पत्नी से उत्पन्न पुत्र – औरस
  78. तांत्रिक जो अपने हाथ में कपाल (खोपड़ी) लिए रहते हैं – कापालिक
  79. जिसे यह न जान पड़ता हो कि क्या करूँ और क्या न करूँ – किंकर्तव्यविमूढ़
  80. अपने ही कुल का नाश करने वाला व्यक्ति – कुलागार
  81. जिसकी बुद्धि कुशा की नोक के समान तीखी हो – कुशाग्रबुद्धि
  82. व्यक्ति जिसका ज्ञान अपने ही स्थान तक सीमित हो – कृपमड़क
  83. जिसका ज्ञान इंद्रियों द्वारा हो सके – गोचर
  84. संध्या काल जब गायें चरकर लौटती हैं – गोधूलि वेला
  85. किसी काम या व्यक्ति में छिद्रों, त्रुटियों व दोषों को ढूँढ़ने का काम – छिद्रान्वेषण
  86. अधिक समय तक जीने की इच्छा – जिजीविषा
  87. कुछ जानने या ज्ञान प्राप्त करने की चाह – जिज्ञासा
  88. विवाद या गुटबाजी से अलग रहने वाला – तटस्थ
  89. पति-पत्नी का जोड़ा – दंपती
  90. बुरे उद्देश्य से की जाने वाली मंत्रणा – दुरभिसंधि
  91. जिसका दमन करना कठिन हो – दुर्दम्य
  92. ऐसा अकाल कि भिक्षा देना भी कठिन हो सके – दर्भिक्ष
  93. जो कठिनाई से मिलता हो – दुर्लभ
  94. हाल की ब्याही स्त्री – नवोढ़ा
  95. जिसे किसी बात की स्पृहा (आकांक्षा) न हो – निःस्पृह
  96. (भोजन) जिसमें आमिष (मांस) का कोई अंकुश न हो – निरामिष
  97. बिना पलक झपकाए – निर्निमेष
  98. (स्त्री) जिसे मालिक (पति) ने छोड़ दिया हो – परित्यक्ता
  99. पुस्तक या लेखक की हस्तलिखित प्रति – पांडुलिपि
  100. पखवाड़े में एक बार होने वाला – पाक्षिक
  101. एक बार कही बात को दुहराते रहना – पिष्टपेषण
  102. व्यक्ति जो ठीक समय पर तुरंत किसी बात या युक्ति को सोच ले – प्रत्युत्पन्नमति
  103. नाटक का एक हास्य रस प्रधान भेद – प्रहसन
  104. सूर्योदय से पहले दो घड़ी तक का पवित्र समय – ब्रह्ममुहूर्त
  105. जो अपेक्षाकृत कम बोलता हो – मितभाषी
  106. जिसे मोक्ष की कामना हो – मुमुक्षु
  107. मर जाने की कामना – मुमूर्षा
  108. कन्या जिसके विवाह कर देने का वचन दे दिया गया हो – वाग्दत्ता
  109. जो व्यर्थ की और बहुत बातें करता है – वाचाल
  110. वह स्त्री जिसका पति मर गया हो – विधवा
  111. वह पुरुष जिसकी पत्नी मर गयी हो – विधुर
  112. जहाँ से शब्द होता हो वहीं पर बाण से मारने वाला – शब्दभेदी
  113. वह जो शिव सम्बन्धी या शिव संप्रदाय के नियमों का पालन करता हो – शैव (शिव+अ)
  114. नित्य दीन-दुखियों को भोजन देने की व्यवस्था – सदावर्त
  115. जिसने अभी हाल ही में बच्चे को जन्म दिया हो – सद्यप्रसूता
  116. वह स्त्री जिसका पति जीवित हो – सधवा
  117. जो बायें हाथ से तीर चलाता हो/कार्य करता हो – सव्यसाची
  118. उत्तराधिकार में मिली जायदाद – रिक्त/थाती/ विरासत
  119. जो एक जगह से दूसरी जगह न ले जाया जा सके – स्थावर
  120. सेना का वह भाग जो सबसे आगे रहता है – हरावल
  121. हाथी की पीठ पर रखी जाने वाली चौकी – हौदा
  122. धरती और आकाश के बीच का स्थान – अंतरिक्ष
  123. व्याकरण का ज्ञाता – वैयाकरण
  124. जो सौ बातें एक साथ याद रख सकता है – शतावधानी
  125. जो स्वयं भोजन बनाकर खाता हो – स्वयंपाकी
  126. परंपरा से चली आई कथा – अनुश्रुति
  127. किसी बात को अत्यधिक बढ़ाकर कहना – अतिशयोक्ति
  128. ही कठोर और बड़ा आघात बहुत – वज्राघात
  129. युद्ध की इच्छा रखनेवाला – युयुत्सु
  130. वह स्त्री जिसके पति ने दूसरी शादी कर ली हो – अध्यूढ़ा

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