राजस्थान के संदर्भ में उद्यान विभाग की महत्त्वपूर्ण योजनाएँ
1. जलस्रोत का विकास योजना
· योजना प्रारम्भ : 2005-06
· वित्त पोषित :
· राज्य सरकार : 40%
· केन्द्रीय सरकार : 60%
· योजना का प्रकार : व्यक्तिगत, सामूहिक
· राष्ट्रीय बागवानी मिशन अन्तर्गत बागवानी फसलों को जीवन रक्षक सिचाई (Life saving Irrigation) सुनिश्चित करने हेतु प्लास्टिक/आरसीसी लाईनिंग के साथ ऑन फार्म पॉण्डस/ऑन फार्म वाटर रेजरवायर्स के माध्यम से जलस्रोत विकास पर निम्नानुसार अनुदान देय है।
अ. सामूदायिक जल स्त्रोतों का विकासः
· कृषक समूह द्वारा 10 हैक्टेयर क्षेत्र के कमाण्ड हेतु 100x100x3 मीटर साईज के ऑन फार्म पौण्डस/ऑन फार्म वाटर रेजरवायर्स के निर्धारित BIS मापदण्ड की न्यूनतम 500 माईक्रोन प्लास्टिक फिल्म/आर.सी.सी लाइनिगं से निर्माण पर इकाई लागत 20-00 लाख रूपये प्रति इकाई का शत प्रतिशत या अन्य छोटी साइज (न्युनतम 50x50x3मीटर तक) के जल स्त्रोत निर्माण पर कमान्ड क्षेत्र के अनुसार यथाअनुपात (प्रोरेटा बेसिस पर) अनुदान देय है। (कृषक समूह के द्वारा स्वामित्व तथा मैनेजेज्ड)
ब. एकल जल स्त्रोत/फार्म पॉण्डः
· एकल कृषक द्वारा दो हैक्टेयर क्षेत्र के कमाण्ड क्षेत्र के लिये 20 मीटर लम्बाई, 20 मीटर चौडाई व 3 मीटर गहराई आकार केफार्म पॉण्ड / Dug well BIS मापदण्ड अनुसार 300 माइक्रोन प्लास्टिक फिल्म/आरसीसी लाईनिंग से निर्माण पर इकाई लागत 1.50 लाख रूपये का 50 प्रतिशत अधिकतम 75000 रूपये अनुदान देय है। इससे छोटे आकार के पॉण्ड/टैंक के लिये कमाण्ड क्षेत्र के आधार पर यथाअनुपात आधारित (प्रोरेटा बेसिस पर) अनुदान देय है। जलस्रोत के साज-संभाल की जिम्मेवारी सम्बंधित कृषक की रहेगी।
2. फलदार बगीचा योजना
· बागवानी को प्रोत्साहन देने के लिए राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन के तहत राज्य में नए फल बगीचों की स्थापना की जाएगी।
· योजना के तहत वर्ष 2022-23 बजट घोषणा में आगामी 2 वर्षो में 15 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फल बगीचे विकसित करने के लिए 10 हजार किसानो को अनुदान दिया जायेगा।
· किसानो को फल बगीचा लगाने पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
3. संरक्षित कृषि योजना
· योजना प्रारम्भ : 2005-06
वित्त पोषित :–
· राज्य सरकार : 40%
· केन्द्रीय सरकार : 60%
· योजना का प्रकार : व्यक्तिगत
संरक्षित कृषि (Protected Cultivation)
· कृषि जलवायुवीय कारक-तापक्रम, आर्द्रता व सूर्य के प्रकाश को नियंत्रित करके सब्जियों, फूलों व फलों आदि उद्यानिकी फसलों की खेती हेतु ग्रीन हाऊस, शैडनेट हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग, लो टनल्स, एन्टी बर्ड नेट व संरक्षित संरचना में अधिक मूल्य वाली सब्जियों एवं फूलों के बीज/पौध रोपण सामग्री पर अनुदान दिया जाता है।
ग्रीन हाऊस एवं शैडनेट हाऊस स्थापना:-
· ग्रीन हाऊस एवं शैडनेट हाऊस निर्माण हेतु निम्नानुसार निर्धारित इकाई लागत या इस हेतु विभाग द्वारा ऐम्पेनल फर्मस की प्रस्तुत दरों में से जो भी कम हो पर वर्ष 2022-23 में 50 प्रतिशत अनुदान देय है। इसके अलावा लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति कृषकों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान (Topup Subsidy) राज्य योजना मद से देय है।
· माननीय मुख्यमंत्री महोदय की बजट घोषणा की अनुपालना के लिये ग्रीन हाउस/ शेडनेट हाउस में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के जनजाति श्रेणी के कृषकों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान किया गया है। उक्त श्रेणी के कृषकों को अतिरिक्त अनुदान (Topup Subsidy) मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना मद से देय है।
4. प्याज भंडारण योजना
· भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि मंत्रालय ने प्याज जैसी कच्ची फसल को नुकसान से बचाने, बेमौसम में अधिक मुनाफा कमाने और किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से स्थानीय स्तर पर भंडारण के लिए बहुउद्देशीय प्याज भंडार गृह योजना तैयार की है।
· इसमें किसानों को अपने खेत में 24 गुणा 48 वर्गफीट जमीन पर 3.50 लाख रुपए की लागत का भंडार गृह बनवाने के लिए 50 प्रतिशत या 1.75 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
5. पैक हाउस योजना:-
· इस योजना के तहत फल व सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को 9×6 मीटर आकार के पैक हाउस के निर्माण पर इकाई लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 लाख रुपये तक सब्सिडी मिलती है।
6. मधुमक्खी पालन योजना:-
· इस योजना के तहत मधुमक्खी पालन के किसानों को 8 फर्मों वाली कॉलोनी की लागत 2 हजार रुपये का 40 प्रतिशत अनुदान देय है।
· एक किसान को अधिकतम 50 कॉलोनी पर अनुदान मिलता है।
7. वर्मीकम्पोस्ट इकाई योजना
· योजना प्रारम्भ : 2005-06
वित्त पोषित :-
· राज्य सरकार : 40%
· केन्द्रीय सरकार : 60%
· योजना का प्रकार : व्यक्तिगत
· 30 फीट x 8 फीट x 2.5 फीट आकार के पक्के निर्माण के साथ वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थापना हेतु लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50000/- रूपये प्रति इकाई आकार अनुसार यथानुपात अनुदान देय है।
कृषक चयनः-
· कृषक के पास न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर स्वयं की भूमि पर बागवानी फसलों की खेती किया जाना आवश्यक होगा। इसके अलावा पर्याप्त पशुधन, पानी एवं कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता हो ।
वर्मी कम्पोस्ट इकाई/जैविक आदान उत्पादन:-
· वर्मी कम्पोस्ट इकाई की स्थापना के लिये 30 फीट x 8 फीट x 2.5 फीट आकार के पक्के निर्माण के साथ वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थापना पर अनुदान देय होगा ।
· शेड में काम में आने वाली सामग्री स्थानीय उपलब्धता के अनुसार स्टील, एस्बेस्टास शीट, पट्टी से बनायी जा सकती है। इसके लिये स्थाई प्रकृति की छाया सामग्री उपयोग में ली जावें।
· पक्के शेड की ऊंचाई बीच में कम से कम 10 फिट और किनारे से 8 फिट हो
1 thought on “राजस्थान के संदर्भ में उद्यान विभाग की महत्त्वपूर्ण योजनाएँ”